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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र चुनाव- 2024 को लेकर दाखिल उस याचिका को सख्त लहजे में खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया गया था कि मतदान समाप्ति के बाद यानी शाम 6 बजे के बाद राज्य में 76 लाख वोट डाले गए। कोर्ट ने इस याचिका को "पूरी तरह समय की बर्बादी" करार दिया। जस्टिस ने कहा, “पूरा दिन इसी याचिका में बर्बाद हो गया। यह अदालत का वक्त और संसाधन दोनों ही व्यर्थ करने जैसा है।” हालांकि कोर्ट ने संयम बरतते हुए याचिकाकर्ता पर जुर्माना नहीं लगाया। बता दें कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते 6 महीनों तक देशभर में सवाल उठाए और इस पर राजनीतिक बयानबाजी की। अब कोर्ट के इस फैसले के बाद उनकी इस रणनीति पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
काउंटिंग में पारदर्शिता न होने का भी दावा
याचिका में दावा किया गया था कि वोटों की गिनती में पारदर्शिता की कमी रही और 6 बजे के बाद अचानक वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि से जनता का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास कमजोर हुआ है। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी और अरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने यह सवाल भी उठाया कि इससे पहले के लोकसभा चुनावों में जब इसी तरह की वोटिंग पैटर्न देखी गई थी, तब इस पर आपत्ति क्यों नहीं की गई?
वोटिंग का फायदा किसे हुआ, यह भी नहीं मालूम?
कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि, "जब तक यह स्पष्ट नहीं हो कि 6 बजे के बाद हुई वोटिंग का फायदा किसी विशेष उम्मीदवार को हुआ, तब तक याचिका में कोई ठोस आधार नहीं है।" हालांकि याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना नहीं लगाया, पर यह जरूर कहा कि, "इस याचिका की सुनवाई में अदालत का पूरा दिन बर्बाद हो गया। जुर्माना लगना चाहिए था, लेकिन हम संयम बरतते हैं।” इससे पहले चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील ने याचिका की वैधता (locus standi) पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि जीतने वाले उम्मीदवारों को इस केस में पक्षकार नहीं बनाया गया, जिससे इसकी गंभीरता और कमजोर पड़ गई।