Advertisment

Bombay High Court का बड़ा फैसला: मुंबई लोकल ट्रेन धमाका केस में सभी दोषी बरी

2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 दोषी करार दिए गए आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष पर्याप्त सबूत नहीं दे पाया।

author-image
Ranjana Sharma
Bombay High Court
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

मुंबई, वाईबीएन डेस्क: मुंबई की लोकल ट्रेनों में 2006 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है। यह फैसला बॉम्बे हाई कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ—जस्टिस अनिल किलोर और जस्टिस एस.जी. चांडक—ने सुनाया। हाई कोर्ट के मुताबिक, अभियोजन पक्ष ने जो सबूत पेश किए, वे संदेह से परे साबित नहीं हो सके। कोर्ट ने कई गवाहों की गवाही को अविश्वसनीय बताया और यह भी कहा कि विस्फोटों में इस्तेमाल हुए बम के प्रकार की भी सही पहचान नहीं हो सकी।

जांच एजेंसियों को बड़ा झटका

इस फैसले को जांच एजेंसियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जिन 12 आरोपियों को दोषी ठहराया गया था, उनमें से एक की 2022 में कोविड के दौरान जेल में मौत हो गई थी। बाकी 11 को कोर्ट ने बरी कर दिया है। इससे पहले 2015 में स्पेशल कोर्ट ने इन आरोपियों को दोषी ठहराते हुए पांच को फांसी और सात को उम्रकैद की सजा दी थी।

बचाव पक्ष का तर्क और अभियोजन की चूक

बचाव पक्ष ने दलील दी थी कि आरोपियों से MCOCA के तहत जो कथित कुबूलनामे लिए गए, वे टॉर्चर और दबाव में लिए गए थे, इसलिए उन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। वहीं राज्य सरकार ने इन्हें 'रेयर ऑफ द रेयरेस्ट' मामला बताते हुए सजा को सही ठहराया था। हाई कोर्ट ने कहा कि धमाके के करीब 100 दिन बाद आरोपियों की पहचान के लिए टैक्सी ड्राइवरों और चश्मदीदों की गवाही अविश्वसनीय है। कोर्ट ने यह भी कहा कि बम, बंदूकें और नक्शे जैसी जब्त वस्तुएं मुकदमे में निर्णायक नहीं हैं।

किरीट सोमैया ने फैसले पर जताई नाराजगी

बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने फैसले पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार से अपील की है कि इस मामले की फिर से जांच हो और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए। उन्होंने कहा कि मुंबई के लोगों को न्याय मिलना चाहिए और दोषियों को सजा।

हमला जिसने हिला दिया था मुंबई को

Advertisment

11 जुलाई 2006 को मुंबई की सात लोकल ट्रेनों में सिर्फ़ 11 मिनट के भीतर हुए बम धमाकों में 189 लोगों की जान गई थी और 824 लोग घायल हुए थे। मुंबई ATS ने इस मामले में नवंबर 2006 में चार्जशीट दाखिल की थी। मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में 2015 में शुरू हुई थी और जुलाई 2024 में विशेष पीठ गठित की गई थी। जनवरी 2025 में सुनवाई पूरी होने के बाद अब फैसला आया है।

Advertisment
Advertisment