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Racial tension Etawah: कथावाचकों से बदसलूकी के बाद ‘अहीर रेजिमेंट’ समर्थकों और पुलिस में भिड़ंत

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के दांदरपुर गांव में कथावाचक से बदसलूकी के मामले ने हिंसक रूप ले लिया। ‘अहीर रेजिमेंट’ और गगन यादव के समर्थक कथित रूप से गांव में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश की।

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Ranjana Sharma
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इटावा, वाईबीएन डेस्‍क: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में दांदरपुर गांव में कथावाचक से बदसलूकी के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। इस विवाद के बाद 'अहीर रेजिमेंट' और गगन यादव के समर्थक बड़ी संख्या में दांदरपुर गांव में घुसने की कोशिश कर रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। तनाव बढ़ने पर पुलिस को स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
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पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया

मौके पर हुई पत्थरबाजी में पुलिस की गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। भीड़ में शामिल युवकों ने लाठी-डंडे और ईंट-पत्थरों से पुलिस पर हमला किया जिससे पुलिस बल को कड़ी प्रतिक्रिया देनी पड़ी। इस बीच, वरिष्ठ अधिकारियों के पहुंचने पर उपद्रवी पीछे हटे और पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया। अब फरार आरोपियों की तलाश वीडियो फुटेज की मदद से की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, श्रीशचंद्र ने बताया कि कुछ लोग शांति भंग करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तुरंत उन्हें नियंत्रित कर लिया गया है। इस घटना के बाद इलाके में शांति बनी हुई है और करीब दर्जन भर लोगों को गिरफ्तार कर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने बताया कि पहले से ही गांव के बाहर फोर्स तैनात थी, तभी कुछ लोग सड़कों पर उतरकर अशांति फैलाने लगे।

कथावाचकों के पक्ष से भी शिकायत दर्ज कराई गई

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यह विवाद 21 जून को दांदरपुर गांव में कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत कुमार यादव के साथ हुई मारपीट और दुर्व्यवहार की घटना से शुरू हुआ था। कथित आरोप था कि कथावाचकों ने अपनी जाति छिपाकर कथा प्रस्तुत की और एक महिला से छेड़छाड़ की। इस विवाद में मारपीट के दौरान संत कुमार यादव का सिर भी मुड़वा दिया गया था। वीडियो वायरल होने के बाद 23 जून को चार ब्राह्मण युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद कथावाचकों के पक्ष से भी शिकायत दर्ज कराई गई थी। मामले को लेकर राजनीतिक भी सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार की आलोचना की और पीड़ित कथावाचकों का सम्मान भी किया। इटावा की यह घटना प्रदेश में जातीय तनाव और कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है।

सीएम ने अधिकारियों को लगाई फटकार 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इटावा में कथावाचकों के साथ हुई जातीय मारपीट और उनका सिर मुंडवाने की घटना को लेकर इटावा के एसएसपी बृजेश श्रीवास्तव को कड़ी फटकार लगाई है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि कुछ तत्व प्रदेश में जातीय तनाव फैलाने की साजिश कर रहे हैं, और स्थानीय पुलिस समय रहते इसे रोकने में नाकाम रही है। इसी क्रम में उन्होंने औरैया और कौशांबी के एसपी को भी फटकार लगाई, जहां इसी तरह की घटनाएं सामने आई थीं। सीएम योगी ने सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ हुई बैठक में साफ चेतावनी दी कि यदि किसी जिले में इस प्रकार की घटनाएं होती हैं, तो वहां के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगामी सावन माह की कांवड़ यात्रा को लेकर भी निर्देश दिए कि यात्रा में कोई भड़काऊ नारा न लगे, कोई नई परंपरा न शुरू हो, और डीजे की आवाज तय मानकों के अनुरूप रहे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भीड़ में कोई असामाजिक तत्व शामिल न होने पाए। मोहर्रम को लेकर भी मुख्यमंत्री ने सख्त हिदायत दी कि ताजिया की ऊंचाई नियमों के अनुसार हो और किसी नए रूट पर जुलूस की अनुमति न दी जाए।

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