चांगलांग, वाईबीएन डेस्क। अरुणाचल प्रदेश के संवेदनशील जनजातीय क्षेत्र चांगलांग में छात्रों और स्थानीय जनजातीय संगठनों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से छठी अनुसूची वाले संरक्षित क्षेत्रों में बस रहे हैं, जहां भारतीय नागरिकों को भी प्रवेश के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) की आवश्यकता होती है, घुसपैठिये उन क्षेत्रों में न केवल बेखौफ होकर घुस रहे हैं बल्कि रह भी रहे हैं।
गुस्साए छात्र संगठनों से डीसी को ज्ञापन सौंपा
प्रदर्शन के दौरान गुस्साए छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और जिला कलेक्टर (DC) को एक आपात ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में इन बाहरी तत्वों की पहचान, जांच और तत्काल निष्कासन की मांग की गई है। छात्र संगठनों का कहना है कि यह न केवल जनजातीय पहचान के लिए खतरा है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। एक छात्र नेता ने कहा, "जब भारतीयों को भी ILP के बिना यहां प्रवेश की अनुमति नहीं है, तो ये बाहरी लोग कैसे आराम से बस रहे हैं?"
सीमावर्ती राज्य होने के चलते कई क्षेत्र संरक्षित
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश एक संवेदनशील और सीमावर्ती राज्य है, जहां कई क्षेत्र छठी अनुसूची के अंतर्गत संरक्षित हैं। इन क्षेत्रों में बाहरी नागरिकों का बिना अनुमति प्रवेश प्रतिबंधित है। बांग्लादेश की ओर से हुई घुसपैठ की हालिया घटनाओं से यह मुद्दा फिर से सुर्खियों में आ गया है।