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चांगलांग, वाईबीएन डेस्क। अरुणाचल प्रदेश के संवेदनशील जनजातीय क्षेत्र चांगलांग में छात्रों और स्थानीय जनजातीय संगठनों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से छठी अनुसूची वाले संरक्षित क्षेत्रों में बस रहे हैं, जहां भारतीय नागरिकों को भी प्रवेश के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) की आवश्यकता होती है, घुसपैठिये उन क्षेत्रों में न केवल बेखौफ होकर घुस रहे हैं बल्कि रह भी रहे हैं।
Massive protests erupt in Changlang, Arunachal Pradesh as student unions demand action against the illegal influx of Rohingyas & Bangladeshis into protected tribal zones!
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) June 11, 2025
“How are outsiders settling freely in 6th Schedule areas where Indians need an ILP to enter?”
🔴 Tribal… pic.twitter.com/etX9EWuW2V
गुस्साए छात्र संगठनों से डीसी को ज्ञापन सौंपा
प्रदर्शन के दौरान गुस्साए छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और जिला कलेक्टर (DC) को एकआपात ज्ञापनसौंपा। ज्ञापन में इन बाहरी तत्वों की पहचान, जांच और तत्काल निष्कासन की मांग की गई है। छात्र संगठनों का कहना है कि यह न केवलजनजातीय पहचान के लिए खतराहै, बल्किराष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। एक छात्र नेता ने कहा, "जब भारतीयों को भी ILP के बिना यहां प्रवेश की अनुमति नहीं है, तो ये बाहरी लोग कैसे आराम से बस रहे हैं?"
सीमावर्ती राज्य होने के चलते कई क्षेत्र संरक्षित
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश एक संवेदनशील और सीमावर्ती राज्य है, जहां कई क्षेत्र छठी अनुसूची के अंतर्गत संरक्षित हैं। इन क्षेत्रों में बाहरी नागरिकों का बिना अनुमति प्रवेश प्रतिबंधित है। बांग्लादेश की ओर से हुई घुसपैठ की हालिया घटनाओं से यह मुद्दा फिर से सुर्खियों में आ गया है।