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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।मध्यप्रदेश में श्योपुर स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में सरकार के चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है। नामीबिया से लाई गई मादा चीता 'नाभा की शनिवार को मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नाभा शिकार के दौरान चोटिल हो गई थी, जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। वन विभाग की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, नाभा को बाईं ओर अल्ना (ulna) और फिबुला (fibula) हड्डियों में गंभीर चोटें आई थीं। वहीं, ओडिशा के अंगुल रेंज अंतर्गत सहारागोडा गांव के पास शनिवार सुबह एक मादा हाथी का शव मिला। शव बुदबुदिया जंगल के नजदीक एक खुले मैदान में पड़ा था, जिसे स्थानीय लोगों ने देखा और तुरंत वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी।
कूनो में अब तक 26 चीते स्वस्थ
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में कुल 26 चीते जीवित हैं। हाल ही में नाभा नामक चीते की मृत्यु के बावजूद, पार्क में नौ वयस्क चीते (तीन नर और छह मादा) और भारत में जन्मे 17 शावक मौजूद हैं। क्षेत्रीय निदेशक के मुताबिक, सभी चीते स्वस्थ हैं और उनकी गतिविधियां सामान्य हैं। इनमें से 16 चीते अब खुले जंगल में स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं, जिनका व्यवहार और पर्यावरण के प्रति अनुकूलन पूरी तरह संतोषजनक बताया गया है। आपको बता दें कि प्रोजेक्ट चीता के तहत 20 चीते अफ्रीका से भारत लाए गए थे, जिनमें से कुछ की पहले ही मौत हो चुकी है। हालांकि वन विभाग के अधिकारी इन चीतों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं।
ओडिशा में भी मादा हाथी की मौत
अंगुल के मंडल वन अधिकारी (डीएफओ) नितिश कुमार ने बताया कि घटना की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग दल गठित किया गया है। उन्होंने कहा, "मृत्यु के कारण का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम मौके पर पहुंच चुकी है। हाथी के शव का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा, और रिपोर्ट मिलने के बाद ही सटीक कारण स्पष्ट होगा।" प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मादा हाथी की उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच थी। वन अधिकारियों ने बताया कि हाल के दिनों में इस क्षेत्र में एक हाथी झुंड की आवाजाही देखी गई थी, और विभाग उनकी निगरानी कर रहा था। हाथी के शव पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं, जिसके चलते वन विभाग ने फिलहाल इसे शिकार का मामला नहीं माना है। फिर भी, विस्तृत जांच और पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
पहले हादसे को शिकार हो चुके हैं हाथी
इस घटना से पहले, मई 2025 में अंगुल जिले के बंटाला वन रेंज के तालसिरा गांव के पास एक 8-10 वर्षीय नर हाथी की अवैध बिजली के तार से करंट लगने के कारण मृत्यु हो गई थी। हालांकि, वन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सहारागोडा में हुई इस ताजा घटना का पिछले मामले से कोई संबंध नहीं पाया गया है। वन विभाग ने कहा कि क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए पहले से ही निगरानी की जा रही है। डीएफओ और एक मेडिकल टीम मौके पर पहुंच चुकी है, जो हाथी के शव का गहन परीक्षण कर रही है। वन विभाग ने आश्वासन दिया है कि जांच में सभी पहलुओं की पड़ताल की जाएगी और निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। स्थानीय निवासियों से अपील की गई है कि वे जंगल के आसपास सतर्क रहें और किसी भी असामान्य गतिविधि की सूचना तुरंत वन विभाग को दें।