छत्तीसगढ़, वाईबीएन नेटवर्क: छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षाबलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। कोंडागांव और नारायणपुर जिले की सीमा पर स्थित किलम-बरगुम के जंगलों में मंगलवार देर शाम हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो इनामी नक्सलियों को मार गिराया। मारे गए नक्सलियों में एक डिविजनल कमेटी सदस्य हलदर और दूसरा एरिया कमेटी सदस्य रामे शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार हलदर पर 8 लाख रुपये और रामे पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। दोनों लंबे समय से पूर्वी बस्तर डिवीजन में नक्सली गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
मुठभेड़ में बरामद हुए हथियार और सामग्री
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने एक एके-47 राइफल, अन्य हथियार, विस्फोटक सामग्री और कई अन्य नक्सली दस्तावेज एवं सामान बरामद किए हैं। घटना के बाद पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि किसी और नक्सली की उपस्थिति या ठिकानों का पता लगाया जा सके।
विशेष बलों की कार्रवाई
नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद कोंडागांव जिला रिजर्व गार्ड और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम को जंगलों की ओर रवाना किया गया था। अभियान के दौरान मंगलवार शाम को यह मुठभेड़ हुई, जो कुछ समय तक चली। सुरक्षाबलों की रणनीतिक कार्रवाई के चलते दोनों नक्सली मौके पर ही ढेर हो गए। इससे पहले, मंगलवार को ही मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में एक और इनामी नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया। 34 वर्षीय रूपेश मंडावी उर्फ सुखदेव, जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
निराश होकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया
रूपेश मंडावी ने बताया कि उसने माओवादी संगठन की खोखली और अमानवीय विचारधारा साथ ही संगठन के भीतर बढ़ते मतभेदों और अंदरूनी संघर्षों से निराश होकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया। वह राज्य सरकार की नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित हुआ। जिसने उसे मुख्यधारा में लौटने का विश्वास दिलाया