कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने बैंकों को 'कलेक्शन एजेंट' बना दिया है। उन्होंने इस संदर्भ में बैंकों द्वारा ग्राहकों से विभिन्न प्रकार के शुल्क वसूलने का जिक्र किया। खरगे का कहना था कि सरकार ने बैंकों से एटीएम से पैसे निकालने, खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने, बैंक स्टेटमेंट शुल्क, ऋण प्रक्रिया शुल्क, और अन्य कई शुल्कों को लागू करने की अनुमति दी है। जिससे आम जनता पर वित्तीय बोझ बढ़ गया है।
बैंकों को बनाया कलेक्शन एजेंट
अपने ट्वीट में कांग्रेस प्रमुख ने लिखा कि "हमारे बैंकों को दुर्भाग्य से मोदी सरकार ने 'कलेक्शन एजेंट' बना दिया है। अब एटीएम से पैसे निकालने पर शुल्क महंगा किया जाएगा। मोदी सरकार ने 2018 से लेकर 2024 तक बचत खातों और जन धन खातों से न्यूनतम शेष राशि बनाए न रखने के कारण 43,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाली है। इसके अलावा खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने इन शुल्कों से एकत्रित राशि का विवरण पहले संसद में उपलब्ध कराया था, लेकिन अब यह जानकारी देना बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब यह परंपरा भी समाप्त कर दी गई है क्योंकि सरकार का कहना है कि ‘भारतीय रिजर्व बैंक’ (RBI) इस प्रकार के डेटा का रखरखाव नहीं करता है।
जबर्दस्ती वसूली मंत्र बताया
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे आरोप लगाया कि महंगाई की बेतहाशा वृद्धि और सरकारी वसूली के इस कदम को भाजपा का "जबर्दस्ती वसूली मंत्र" करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के इस कदम से आम जनता की परेशानियां और बढ़ेंगी, जबकि बैंकों को अपने एजेंट के रूप में इस्तेमाल करने से कोई सशक्त जवाबदेही नहीं बन रही है। खरगे ने मोदी सरकार पर वित्तीय लूट और अनावश्यक शुल्क वसूलने का आरोप लगाया जो उनके अनुसार आम आदमी के जीवन को और अधिक कठिन बना रहा है।