Advertisment

Delhi में व्यापारी को नकली सोना थमा ठगे 30 लाख रुपये , एक गिरफ्तार

दिल्ली में एक व्यापारी से नकली सोने के नाम पर 30 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। आरोप है कि आरोपियों ने व्यापारी को "खुदाई से निकला सोना" बताकर नकली सोना बेचा और उससे बड़ी रकम हड़प ली।

author-image
Ranjana Sharma
Delhi Police (1)
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00
Advertisment
दिल्ली में एक व्यापारी से नकली सोने के नाम पर 30 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। आरोप है कि आरोपियों ने व्यापारी को "खुदाई से निकला सोना" बताकर नकली सोना बेचा और उससे बड़ी रकम हड़प ली। पुलिस ने इस मामले में 59 वर्षीय मोहन राय नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है। जबकि उसके दो साथी अब भी फरार हैं। यह ठगी इतनी चतुराई से की गई थी कि व्यापारी को सोने की शुद्धता जांच कराने के लिए भी मजबूर किया गया था, लेकिन बाद में यह खुलासा हुआ कि सोना नकली था।
Advertisment

व्यापारी को ऐसे फंसाया गया?

पुलिस के मुताबिक घटना पिछले साल 20 नवंबर की है। पश्चिम विहार के एक व्यापारी गौरव सोनी को एक हार्डवेयर की दुकान के मालिक रमेश शर्मा ने एक महिला से मिलवाया जिसे उन्होंने "मां" बताया, जबकि दो अन्य व्यक्तियों ने खुद को "पिता और पुत्र" बताया। इन तीनों ने सोनी से कहा कि मथुरा स्थित उनके घर में खुदाई के दौरान सोना मिला है, जिसे वे बेचने के लिए तैयार हैं। आरोपियों ने यह बात इतने विश्वास के साथ कही कि सोनी को कोई संदेह नहीं हुआ। शुरुआत में आरोपियों ने सोनी को 78 प्रतिशत शुद्धता वाले दो सोने के मोती दिए, जिससे सोनी को यकीन हो गया कि यह सच है। इसके बाद आरोपियों ने सोनी को करीब दो किलोग्राम वजन का गहना (गले का हार) दिया और 80 लाख रुपये में सौदा तय किया।

व्यापारी ने 30 लाख रुपये दिए, जांच के बाद खुलासा हुआ

Advertisment
सोनी ने आरोपियों का विश्वास किया और 30 लाख रुपये का इंतजाम किया। बाकी पैसे सोने की शुद्धता की जांच के बाद देने की बात तय की गई थी। सोनी ने हार को असली मानते हुए पैसे का भुगतान किया, लेकिन जब उसने इसे जांचने के लिए भेजा तो यह नकली पाया गया। जब सोनी ने आरोपियों से संपर्क करने की कोशिश की तो उनके फोन बंद हो गए। यह देख सोनी को शक हुआ और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने 25 दिसंबर को मामले की प्राथमिकी दर्ज की और जांच शुरू कर दी।

एक आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए 100 से अधिक मोबाइल नंबरों और आईएमईआई रिकॉर्ड की जांच की। इसके बाद पुलिस ने 3 मार्च को मोहन राय को गिरफ्तार किया। पूछताछ में राय ने कबूल किया कि उसने बाबू लाल और लक्ष्मी के साथ मिलकर इस ठगी को अंजाम दिया था। पुलिस के मुताबिक राय ने इस धोखाधड़ी से 9.5 लाख रुपये कमाए थे। पुलिस ने मोहन राय के पास से 1.70 लाख रुपये बरामद किए हैं। फिलहाल पुलिस उसके दो फरार साथियों की तलाश में जुटी है।
delhi
Advertisment
Advertisment