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1984 सिख दंगे का वो चेहरा 40 साल बाद आया सामने, कोर्ट में गवाही देते ही छा गया सन्नाटा, जानें - फिर क्या हुआ? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज बुधवार 9 जुलाई 2025 को 1984 के सिख विरोधी दिल्ली दंगों में जगदीश टाइटलर केस में एक नया गवाह अदालत पेश हुआ। इस गवाह के पेश होने के बाद हड़कंप मच गया। लेकिन, एक बात तय है कि इस गवाह के पेश होने से न्याय की उम्मीदें बढ़ गईं हैं।
आपको बता दें कि साल 1984 के सिख विरोधी दंगे, भारत के इतिहास का वो काला अध्याय हैं जिसकी टीस आज भी लाखों दिलों में ज़िंदा है। हज़ारों निर्दोष सिखों को क्रूरता से मौत के घाट उतार दिया गया था, और दशकों बाद भी, कई पीड़ितों को इंसाफ का इंतज़ार है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रही सुनवाई इसी इंतज़ार की एक कड़ी है, जहां जगदीश टाइटलर से जुड़े एक मामले में आज एक नया गवाह पेश हुआ है, जिसने न्याय की उम्मीदों को फिर से जगा दिया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट में आज का घटनाक्रम: एक चौंकाने वाला दावा
आज बुधवार 9 जुलाई 2025 को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित जगदीश टाइटलर के मामले में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। यह मामला तीन सिखों की हत्या से जुड़ा है। वरिष्ठ अधिवक्ता एच.एस. फूलका ने बताया कि सुनवाई के दौरान, गवाह रविंदर चौहान अदालत में पेश हुए, और उन्होंने एक चौंकाने वाला बयान दिया।
गवाह रविंदर चौहान ने कोर्ट को बताया कि 2011 में, टाइटलर ने उनके सामने स्वीकार किया था कि उन्होंने "100 सिखों को मारा था"। यह दावा न केवल सनसनीखेज है, बल्कि यह उन पीड़ितों के लिए एक उम्मीद की किरण भी है जो इतने सालों से न्याय की तलाश में हैं। इस बयान को रिकॉर्ड किया गया था और पुलिस को सौंपा गया था, जिसके बाद यह सीबीआई और फिर सीएफएसएल (केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला) तक पहुंचा। सीएफएसएल ने पुष्टि की है कि संबंधित सीडी वास्तविक थी।
VIDEO | 1984 anti-Sikh riots case: Informing about Rouse Avenue Court hearing, advocate HS Phoolka (@hsphoolka) says, "In the Jagdish Tytler case, about killing of three Sikhs, today witness Ravinder Chouhan appeared in the court, he said that in 2011, Tytler had accepted in… pic.twitter.com/isD1gXeUpx
— Press Trust of India (@PTI_News) July 9, 2025
सीडी की सच्चाई और टाइटलर का कबूलनामा
रविंदर चौहान का यह बयान इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसके साथ एक सीडी का भी जिक्र है। इस सीडी में कथित तौर पर टाइटलर का कबूलनामा दर्ज था। सीएफएसएल जैसी प्रतिष्ठित संस्था द्वारा इस सीडी को वास्तविक घोषित किया जाना, मामले को एक नई दिशा देता है। यह पीड़ितों के लिए एक बड़ी जीत हो सकती है, जो इतने सालों से सबूतों की कमी या उनकी अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं। क्या यह सीडी ही वो निर्णायक सबूत साबित होगी जिसकी दरकार दशकों से थी?
न्याय की राह में चुनौतियाँ और उम्मीदें
हालांकि यह एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन न्याय की राह कभी आसान नहीं होती। इन दंगों से जुड़े कई मामलों में आरोपी बरी हुए हैं, या मामले ठंडे बस्ते में चले गए हैं। ऐसे में, इस नए सबूत और गवाह के बयान पर कोर्ट का रुख क्या होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। लेकिन यह घटनाक्रम निश्चित रूप से पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए एक नई उम्मीद जगाता है। वे दशकों से जिस न्याय का इंतजार कर रहे हैं, क्या अब उसकी घड़ी आ गई है?
अगली सुनवाई: 11 जुलाई को क्या होगा?
इस मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को निर्धारित की गई है, जब एक और गवाह अदालत में पेश होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि अगला गवाह क्या खुलासा करता है और क्या यह टाइटलर के खिलाफ मामले को और मजबूत करेगा। हर नई सुनवाई, हर नया गवाह, 1984 के इन घावों पर मरहम लगाने की एक और कोशिश है। लाखों आँखें इस सुनवाई पर टिकी हैं, यह देखने के लिए कि क्या अंततः दशकों बाद इंसाफ का सूरज उगेगा।
इंतज़ार की घड़ियां : क्या सच आएगा सामने?
यह मामला सिर्फ जगदीश टाइटलर से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह भारत की न्यायिक प्रणाली और दशकों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हजारों पीड़ितों के विश्वास का प्रतीक है। क्या रविंदर चौहान का बयान और सीडी में दर्ज कबूलनामा वो निर्णायक मोड़ साबित होगा जो इस मामले को अंजाम तक पहुंचाएगा? क्या 1984 के गुनहगारों को अंततः उनके किए की सज़ा मिलेगी? अगली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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