नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
कापसहेड़ा इलाके के फन एंड फूड विलेज वाटर पार्क में बड़ा accident हो गया। प्रियंका अपने मंगतेर निखिल के साथ वाटर पार्क पहुंची थी। रोलर कोस्टर झूले का स्टैंड टूटने से प्रियंका की मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। प्रियंका के परिवार और मंगेतर ने वाटर पार्क प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। कापसहेड़ा थाना पुलिस ने निखिल की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
चाणक्यपुरी में रहती थी प्रिंयका
प्रियंका अपने परिवार के साथ चाणक्यपुरी स्थित सर्वेंट क्वार्टर में रहती थी। उनके परिवार में पिता ज्योति रावत (एक आईपीएस अधिकारी के यहां कुक), मां अनिता, बड़ी बहन गीतांजलि और भाई मोहित हैं। प्रियंका एक इंश्योरेंस कंपनी में काम करती थीं। घटना की जानकारी देर रात पुलिस को अस्पताल से मिली,। अस्पताल से भेजे गए मीमो में बताया गया कि एक युवती की मौत हो गई है। जांच में पता चला कि प्रियंका झूले से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मौके पर क्राइम और फोरेंसिक टीम को बुलाया, जिन्होंने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
"वाटर पार्क में नहीं थे पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम"
प्रियंका के मंगेतर निखिल ने आरोप लगाया कि वाटर पार्क में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। उन्होंने बताया कि वह श्याम विहार फेज-1, नजफगढ़ में अपने परिवार के साथ रहते हैं और साइप्रस में कुक के रूप में काम करते हैं। 8 मार्च को वह भारत आए थे और दिल्ली पहुंचने के बाद प्रियंका से मिलने आए थे। दोनों की शादी फरवरीए 2026 में तय थी और शनिवार को निखिल की वापसी की फ्लाइट थी।
अस्पताल पहुंचाने में देरी भी बनी मौत का कारण
निखिल ने पुलिस को बताया कि बृहस्पतिवार शाम करीब छह बजे दोनों फन एंड फूड विलेज पहुंचे और रोलर कोस्टर पर राइड के लिए गए थे। राइड शुरू होने के करीब 15 सेकंड बाद ही शोर मचा कि एक लड़की गिर गई है। शोर सुनकर उन्होंने आंखें खोलीं तो प्रियंका नीचे नीचे पड़ी हुई थीं। वाटर पार्क के कर्मचारियों ने उन्हें तुरंत एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया, फिर मणिपाल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। निखिल ने आरोप लगाया कि पार्क में सुरक्षा की भारी कमी थी और प्रियंका को अस्पताल पहुंचाने में हुई देरी की वजह से उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।