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दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: चैंपियन पहलवान और भाजपा नेत्री बबीता फोगाट ने रविवार को साइकिल चलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया अभियान की शुरुआत की और फिट रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा "बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। मैं सभी को स्वस्थ रखने का संदेश देती हूं... यदि हम स्वस्थ रहेंगे तो ना केवल शरीर बल्कि हमारा दिमाग भी स्वस्थ रहेगा... स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग निवास करता है।
फिट इंडिया अभियान के साथ जुड़ रहे
बबीता ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में फिट इंडिया अभियान की शुरूआत की थी जिससे आज कई लोग अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए जुड़ चुके हैं... मैं सभी लोगों का धन्यवाद करती हूं जो भी फिट इंडिया अभियान के साथ जुड़ रहे हैं..." प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से फिटनेस को अपनी जीवनशैली बनाने का आग्रह किया थी।
फिट इंडिया मूवमेंट’ एक राष्ट्रीय लक्ष्य बनना चाहिए
उल्लेखीय है कि मेजर ध्यानचंद की जयंती पर जनांदोलन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने खेल और तकनीक से दुनिया को मंत्रमुग्ध करने वाले भारत के खेल आइकन मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा, "उनके पदक न केवल उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम हैं, बल्कि नए भारत के नए उत्साह और नए आत्मविश्वास का प्रतिबिंब हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ एक राष्ट्रीय लक्ष्य और इसकी आकांक्षा बन जाना चाहिए। देश को प्रेरित करने के प्रयास में प्रधानमंत्री ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट भले ही सरकार द्वारा शुरू किया गया हो, लेकिन इसका नेतृत्व लोगों को करना है और इसे सफल बनाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "सफलता फिटनेस से जुड़ी है, जीवन के किसी भी क्षेत्र के हमारे सभी दिग्गजों की सफलता की कहानियों में एक बात समान है - उनमें से अधिकांश फिट हैं, फिटनेस पर ध्यान देते हैं और फिटनेस के शौकीन हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा था, "प्रौद्योगिकी ने हमारी शारीरिक क्षमता को कम कर दिया है और हमारी दैनिक फिटनेस दिनचर्या को हमसे छीन लिया है। आज हम अपनी पारंपरिक प्रथाओं और जीवनशैली से अनजान हैं जो हमें फिट रख सकती हैं। समय के साथ, हमारे समाज में फिटनेस को कम प्राथमिकता दी गई है। पहले एक व्यक्ति कई किलोमीटर पैदल या साइकिल से जाता था, आज मोबाइल ऐप हमें बताते हैं कि हम कितने कदम चले।"