नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दिल्ली कैबिनेट ने हाल ही में 'दिल्ली स्कूल फीस रेगुलेशन एक्ट' को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य अभिभावकों को अनुचित फीस वृद्धि से बचाना है। इस नए कानून के तहत, प्राइवेट स्कूलों को बिना उचित कारण और सरकारी अनुमति के फीस नहीं बढ़ाने की अनुमति होगी।
नए एक्ट के प्रमुख प्रावधान
फीस बढ़ोतरी पर नियंत्रण: अब स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले सरकार को जानकारी देनी होगी और उचित कारण बताने होंगे।
पारदर्शिता बढ़ाना: स्कूलों को अपनी वित्तीय स्थिति का खुलासा करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फीस वृद्धि वास्तव में जरूरी है।
अभिभावकों की शिकायतों का समाधान: एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया जाएगा, जहां अभिभावक अनुचित फीस बढ़ोतरी के खिलाफ आवाज उठा सकेंगे।
जुर्माना और दंड: नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है और उनकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
क्यों जरूरी था यह कानून ?
पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली-एनसीआर के कई प्राइवेट स्कूलों ने मनमाने ढंग से फीस बढ़ा दी थी, जिससे मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के परिवारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा। कई मामलों में, अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन भी किए, लेकिन बिना सख्त कानून के समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा था। इस नए एक्ट से अब स्कूल प्रबंधनों को जवाबदेह ठहराया जा सकेगा।
क्या कहते हैं शिक्षा मंत्री ?
दिल्ली शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह कानून अभिभावकों के हितों की रक्षा के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो और कोई भी स्कूल मनमाने ढंग से फीस न बढ़ाए। इस एक्ट के जरिए हमने एक संतुलित व्यवस्था बनाई है जहां स्कूलों की वित्तीय जरूरतों और अभिभावकों की सामर्थ्य दोनों का ध्यान रखा गया है।"
अब इस एक्ट को विधानसभा में पेश किया जाएगा और उसके बाद इसे लागू किया जाएगा। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल अभिभावकों को राहत मिलेगी बल्कि शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
दिल्ली सरकार का यह कदम प्राइवेट स्कूलों में फीस के मुद्दे पर एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है। अगर इस कानून को सही ढंग से लागू किया जाता है, तो यह देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। Education | delhi |