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Delhi CM रेखा गुप्ता का बड़ा बयान : क्या धारा 370 से जुड़ा है डॉ. मुखर्जी का सपना? | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर एक ऐसा बयान दिया है जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। आज सोमवार 23 जून 2025 को उन्होंने साफ कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने धारा 370 को खत्म करके दी है। उनके इस बयान ने एक बार फिर 'एक विधान, एक संविधान और एक प्रधान' के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है। आखिर क्या है दिल्ली सीएम के इस बयान का पूरा सच और क्यों इसे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों से जोड़ा जा रहा है? आइए जानते हैं इस खबर की पूरी पड़ताल।
धारा 370 और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी: एक ऐतिहासिक जुड़ाव?
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए एक बेहद महत्वपूर्ण टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हर साल डॉ. मुखर्जी को पुष्पांजलि अर्पित की जाती है, लेकिन अगर उन्हें सही मायने में किसी ने श्रद्धांजलि दी है, तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है, जिसने धारा 370 को समाप्त किया। यह बयान सीधे तौर पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के उस संघर्ष को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने और देश में 'एक विधान, एक संविधान और एक प्रधान' के सिद्धांत को लागू करने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी थी।
उनके इस बयान का गहरा राजनीतिक महत्व है, क्योंकि यह सीधे तौर पर भाजपा की उस विचारधारा से जुड़ा है, जो 'राष्ट्र प्रथम' के सिद्धांत पर आधारित है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि देश में केवल एक ही संविधान का पालन किया जाएगा और हमें डॉ. मुखर्जी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलना है, जिसकी नींव 'राष्ट्र प्रथम' है। यह बात केवल एक श्रद्धांजलि से कहीं बढ़कर है; यह एक राजनीतिक संदेश है जो धारा 370 के उन्मूलन को एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत करता है और इसे डॉ. मुखर्जी के सपनों की साकारता बताता है।
यह कोई पहली बार नहीं है जब राजनीतिक हस्तियों ने डॉ. मुखर्जी के बलिदान को धारा 370 से जोड़ा हो। दरअसल, भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1953 में जम्मू-कश्मीर में अलग संविधान, अलग प्रधानमंत्री और अलग झंडे का विरोध किया था। इसी आंदोलन के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई। उनके निधन के बाद से ही, यह मांग लगातार उठती रही कि जम्मू-कश्मीर को शेष भारत के साथ पूरी तरह एकीकृत किया जाए और धारा 370 को खत्म किया जाए।
#WATCH | Delhi CM Rekha Gupta says, "On the death anniversary of Dr. Syama Prasad Mookerjee, floral tributes were paid here. This is done every year. But if the 'mahanayak' of the county was paid tribute in its true sense, it was done by PM Narendra Modi's government when Article… https://t.co/1q46jDLLPGpic.twitter.com/cmanGDuJny
— ANI (@ANI) June 23, 2025
मुख्यमंत्री के बयान के मायने: राष्ट्रवाद और भविष्य की राजनीति
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान केवल अतीत की बात नहीं करता, बल्कि यह भविष्य की राजनीति की दिशा भी तय करता है। 'एक विधान, एक संविधान और एक प्रधान' का नारा हमेशा से भाजपा के एजेंडे में रहा है। धारा 370 के उन्मूलन के बाद, यह नारा अब एक सफल उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि देश में अब केवल एक ही संविधान का पालन किया जाएगा। यह दर्शाता है कि सरकार डॉ. मुखर्जी के विचारों को कितनी गंभीरता से ले रही है और उन्हें देश की एकता और अखंडता के प्रतीक के रूप में पेश कर रही है।
उनके इस बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि भाजपा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रवाद के सिद्धांत को जनता के बीच लगातार प्रचारित करना चाहती है। 'राष्ट्र प्रथम' का सिद्धांत केवल एक नारा नहीं, बल्कि पार्टी की नीतियों का आधार है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में विभिन्न मुद्दों पर बहस चल रही है, और यह भाजपा को राष्ट्रवादी खेमे में और मजबूत कर सकता है। सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर काफी चर्चा हो रही है, जहां लोग इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राय रख रहे हैं।
यह बयान निश्चित रूप से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को भी इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मजबूर करेगा। धारा 370 हमेशा से एक संवेदनशील राजनीतिक मुद्दा रहा है, और अब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर इस पर दिल्ली सीएम का बयान एक नई बहस को जन्म दे सकता है। क्या यह बयान आने वाले चुनावों में भी एक बड़ा मुद्दा बनेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के इस बयान पर आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि धारा 370 का उन्मूलन वास्तव में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करता है? नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय ज़रूर साझा करें और इस महत्वपूर्ण चर्चा का हिस्सा बनें!
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