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Photograph: (IANS)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत के साइबर सिक्योरिटी ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी एजुकेशन एंड अवेयरनेस (ISEA) प्रोजेक्ट के तहत Cyber Security Innovation Challenge (CSIC) 1.0 की शुरुआत कर दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (MEITY) के सचिव एस. कृष्णन ने इसका कॉन्सेप्ट वीडियो, वेबसाइट, रजिस्ट्रेशन पोर्टल और रूल बुक जारी की।
जागरूकता और तकनीकी क्षमता पर जोर
एस. कृष्णन ने राष्ट्रीय साइबर सिक्योरिटी रणनीति के दो-आयामी मॉडल (जागरूकता और तकनीकी क्षमता में वृद्धि) की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि CSIC 1.0 छात्रों को वास्तविक साइबर खतरों से रूबरू कराता है और उन्हें कुशल साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल बनने की दिशा में प्रेरित करता है। यह पहल देश में स्वदेशी, प्रोडक्ट-आधारित साइबर समाधान विकसित करने में भी मदद करेगी।
साइबर सिक्योरिटी में मिलेगी आत्मनिर्भरता
डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) के सीईओ विनायक गोडसे ने कहा कि यह अनोखी पहल छात्रों और शोधकर्ताओं को शुरुआती स्तर से ही इनोवेशन और उद्यमिता की सोच विकसित करने का अवसर देती है। आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने बताया कि यह चुनौती देश में साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी प्रमुख समस्याओं की बेहतर समझ विकसित करती है और परिवर्तनकारी समाधान तैयार करने का मार्ग प्रशस्त करती है। CERT-In के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने कहा कि CSIC 1.0 R&D, अकादमिक क्षेत्र और उद्योग को एक मंच पर लाकर साइबर सिक्योरिटी में ‘आत्मनिर्भरता’ के लक्ष्य को मजबूती देता है, जो भारत के डिजिटल भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। cyber security roadmap | Cyber Awareness
इनपुटः आईएएनएस
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