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राष्ट्रीय संग्रहालय से डांसिंग गर्ल की प्रतिकृति चोरी, हरियाणा के प्राइवेट विवि के प्रोफेसर हिरासत में

चोरी का पता शनिवार दोपहर करीब 2:40 बजे चला, जब संग्रहालय में तैनात सीआईएसएफ कर्मियों ने अनुभव गैलरी से प्रतिकृति को गायब पाया।  तुरंत तलाशी शुरू की और परिसर के अंदर एक व्यक्ति को पकड़ लिया। 

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Mukesh Pandit
National Musium

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के एक निजी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को राष्ट्रीय संग्रहालय से प्रसिद्ध डांसिंग गर्ल की प्रतिकृति चुराने के आरोप में हिरासत में लिया है। पुलिस सूत्रों ने बताया है कि घटना शनिवार को हुई, जब प्रोफेसर को सीआईएसएफ ने पकड़ लिया और कर्तव्य पथ पुलिस थाने में पुलिस के हवाले कर दिया। चोरी का पता शनिवार दोपहर करीब 2:40 बजे चला, जब संग्रहालय में तैनात सीआईएसएफ कर्मियों ने अनुभव गैलरी से प्रतिकृति को गायब पाया। 

आरोपी को परिसर से ही हिरासत में लिया 

न्यूज एजेंसी एएनआ के अनुसार, सूचना के तुरंत तलाशी शुरू की और परिसर के अंदर एक व्यक्ति को पकड़ लिया। उसके कब्जे से प्रतिकृति बरामद की गई। इसके बाद सीआईएसएफ अधिकारियों ने ड्यूटी स्टाफ को सूचित किया, जिन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। सूत्र ने बताया कि कर्तव्य पथ पुलिस थाने की एक टीम जल्द ही संग्रहालय पहुंची और आरोपी को हिरासत में ले लिया गया। 

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मोहनजोदड़ो की खुदाई के दौरान मिली ‘डांसिंग गर्ल’। साभार संग्रहालय

सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ी है मूर्ति

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के अनुसार, दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक माने जाने वाली सिंधु घाटी सभ्यता जिसकी पहचान है मोहनजोड़दो से मिली प्रसिद्ध 'डांसिंग गर्ल' की मूर्ति है। इस प्रतिमा को लेकर इतिहासकार और पुरातत्व विभाग के शोधकर्ता अलग अलग अंदाज़े लगाते आए हैं।

ऐसे ही एक आकलन में यह दावा किया गया है कि यह डांसिंग गर्ल की मूर्ति दरअसल पार्वती की है, जिससे यह पता चलता है कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग शिवजी के उपासक थे। यह दावा हाल ही में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) की हिंदी पत्रिका 'इतिहास' में प्रकाशित एक नए शोध पत्र में किया गया है।

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बुद्ध के पवित्र अवशेष रूस में प्रदर्शित किए जाएंगे

दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में रखे गए गौतम बुद्ध के पवित्र अवशेषों को एक प्रदर्शनी के तहत 24 से 28 सितंबर तक रूस के काल्मिकिया में प्रदर्शित किया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि संग्रहालय की ‘बौद्ध गैलरी’ में रखे गए इन अवशेषों को वरिष्ठ भिक्षुओं की देखरेख में पूरी धार्मिक पवित्रता और प्रोटोकॉल के पालन के साथ भारतीय वायु सेना के एक विशेष विमान से रूस ले जाया जाएगा। 

मंत्रालय के मुताबिक, ये अवशेष काल्मिकिया की राजधानी एलिस्ता में आयोजित होने वाले तीसरे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध फोरम के दौरान प्रदर्शित किए जाएंगे। उसने कहा कि ‘नयी सहस्राब्दी में बौद्ध धर्म’ विषय पर आयोजित इस फोरम का मुख्य आकर्षण भारत से लाए गए शाक्यमुनि के पवित्र अवशेष, आईबीसी (अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ) और राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा आयोजित चार प्रदर्शनियां तथा तीन विशेष शैक्षणिक व्याख्यान होंगे।Delhi news today | North East Delhi news | trending Delhi news Dancing Girl replica theft 

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