नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को डीडीए की टीम मयूर विहार में तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए पहुंची थी, लेकिन स्थानीय विधायक के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के कारण डीडीए को मंदिर तोड़ने की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की एक टीम पुलिस के साथ गुरुवार सुबह करीब चार बजे पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार स्थित काली मंदिर, अमरनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर को गिराने के लिए पहुंची। ये मंदिर कथित तौर पर क्षेत्र के फेज 2 में हरित पट्टी पर बने हैं।
लोगों का विरोध देख डीडीए ने रोकी कार्रवाई
पटपड़गंज से भाजपा विधायक रविंदर सिंह नेगी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘‘उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, डीडीए की टीम पुलिस के साथ पटपड़गंज विधानसभा के मयूर विहार फेज 2 में पहुंची। लेकिन हम पहले से ही वहां मौजूद थे और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे थे कि मंदिर सुरक्षित रहें। माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी, माननीय एल.जी. साहब, एवं सांसद जी से बात कर तुरंत कार्रवाई को रुकवाया गया और पुलिस को वापस भेजा गया। मुख्यमंत्री जी के तुरंत आदेश के बाद मंदिर तोड़ने की प्रक्रिया रोक दी गई। यह मंदिर हमारी आस्था, संस्कृति और समाज की भावनाओं से जुड़ा हुआ स्थान है। धर्म, आस्था और जनता की भावनाओं की रक्षा के लिए हम सदैव तत्पर रहेंगे।"
तड़के तीन बजे से मौजूद थे विधायक
डीडीए के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि तोड़फोड़ की कार्रवाई स्थगित कर दी गई है। प्रवक्ता ने कहा, लोगों के आक्रोश के कारण हमें अभियान स्थगित करना पड़ा। हालांकि, हमारी कानूनी टीम मामले की समीक्षा कर रही है। भाजपा विधायक रविंदर सिंह नेगी ने कहा कि वह और अन्य लोग तड़के तीन बजे से ही मौके पर मौजूद थे और उन्होंने मंदिरों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास किया। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के साथ चर्चा के बाद अभियान स्थगित कर दिया गया।