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“Delhi Breaking News : ACB के दूसरे समन पर कोर्ट क्यों नहीं पहुंचे मनीष सिसोदिया”

Delhi ACB ने शिक्षा व PWD तब के मंत्री मनीष सिसोदिया को ₹2,000 करोड़ क्लासरूम घोटाला मामले में दूसरा समन भेजा था, लेकिन आप नेता कोर्ट नहीं गए। वकील ने बताया कि मनीष अभी व्यस्त हैं इसलिए अदालत नहीं पहुंचे।

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Ajit Kumar Pandey
दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया के ACB ने दूसरा समन भेजा | यंग भारत न्यूज

दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया के ACB ने दूसरा समन भेजा | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।दिल्ली ACB ने AAP नेता और पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को दूसरे समन के तहत सोमवार 9 जून को अदालत में हाजिर होना था लेकिन मनीष सिसोदिया नहीं गए। आज मंगलवार 10 जून 2025 को आप नेता के वकील ने बताया कि मनीष सिसोदिया बहुत व्यस्त हैं इसलिए कोर्ट नहीं गए। आपको बता दें कि यह समन ₹2,000 करोड़ के सरकारी स्कूल क्लासरूम निर्माण में कथित भ्रष्टाचार मामले में भेजा गया था, जिसमें सरकारी खजाने को भारी नुकसान, लागत वृद्धि और सरकारी नियमों का उल्लंघन शामिल है।

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सरकारी स्कूलों के क्लासरूम घोटाले की जांच

दिल्ली की सरकारी स्कूलों में क्लासरूम निर्माण के दौरान हुए कथित ₹2,000 करोड़ के घोटाले की जांच में ACB ने Aam Aadmi Party (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दूसरा समन भेजा। पहली बार FIR अप्रैल में दर्ज हुई थी, लेकिन अब पुनः बुलाने से यह मामला फिर चर्चा में आ गया है। ACB का आरोप है कि ₹2,000 करोड़ क्लासरूम घोटाला सरकारी नियमों और वित्तीय अनुशासन का उल्लंघन है।

खबर की शुरुआत होती है उस ₹2,000 करोड़ क्लासरूम घोटाला से, जिसकी जांच ACB अप्रैल में शुरू हुई थी। आरोप है कि लगभग 12,748 क्लासरूम बनाने में हर कक्षा की लागत ₹24.86 लाख कर दी गई, जबकि बाजार दर केवल ₹5 लाख थी। यह साफ़‑साफ़ ₹2,000 करोड़ क्लासरूम घोटाला की ओर इशारा करता है।

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ACB ने 34 निर्माण ठेकेदारों पर लगाए गंभीर आरोप

ACB का आरोप है कि निर्माण ठेके 34 ठेकेदारों को बिना उचित टेंडर प्रक्रिया के दिए गए, जिनमें अधिकांश AAP से जुड़े बताए जा रहे हैं । ठेके आधिकारिक रूप से आधी‑स्थायी (Semi‑Permanent Structure यानी SPS) तकनीक के थे, लेकिन इनकी लागत RCC (Reinforced Cement Concrete) स्तर की थी—पूरी तरह से वित्तीय अनियमितता। CVC के तकनीकी परीक्षा रिपोर्ट में यह जानकारी फरवरी 2020 में सामने आई थी लेकिन इसे तीन साल तक छिपा रखा गया, और कार्य समय पर पूरा भी नहीं हुआ 

ACB की पूछताछ पहले ही 30 अप्रैल, 2025 को FIR दायर करने के बाद शुरू हो चुकी है, और अब मनीष सिसोदिया को दूसरा समन मिला है। पहली बार सेशन में इस ₹2,000 करोड़ क्लासरूम घोटाला की गंभीरता उजागर हो चुकी है। सिसोदिया को अगले सप्ताह ACB ऑफिस में हाजिर होने को कहा गया है।

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AAP की प्रतिक्रिया बेहद तीखी रही है। पार्टी का मानना है कि ऐसा किया जाना सिर्फ एक राजनीतिक चाल है। उनका कहना है कि BJP ACB का दुरुपयोग कर रही है, यह पूरे ₹2,000 करोड़ क्लासरूम घोटाला को राजनीतिक हथियार बना रही है 

आम आदमी पार्टी यानि AAP यह मानती है कि यह सिर्फ “यंत्रचित राजनीति” है, जबकि उनका मॉडल दिल्ली में शिक्षा सुधार के लिए था।

घटनाक्रम ऐसे सामने आया—

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क्लासरूम लागत विसंगति: ₹24.86 लाख बनाम ₹5 लाख बाजार दर 

ठेके प्रक्रिया: 34 ठेके, ज्यादातर AAP से जुड़े 

SPS बनाम RCC: आधी‑स्थायी संरचना की लागत स्थायी संरचना जैसी 

समय‑सीमा का उल्लंघन: 2015‑16 में जून 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन न काम पूरा हुआ न नियम माने गए 

इस ₹2,000 करोड़ क्लासरूम घोटाला की जांच चुनौतीपूर्ण रूप ले चुकी है। ACB और CVC अब यह स्पष्ट करना चाहती है कि नियमों के उल्लंघन में कौन जिम्मेदार है—सिसोदिया, जैन, सरकारी अफसर या ठेकेदार। मामला अभी शुरूआती जांच में है और अगले हफ्ते मनीष सिसोदिया बयान देंगे।

इस ₹2,000 करोड़ क्लासरूम घोटाला की जांच की हर अपडेट पाने के लिए हमें फॉलो करें और अपनी राय कमेंट में जरूर साझा करें—आपका नजरिया समाज के लिए बहुमूल्य है!

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