नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को जान से मारने की धमकी देने वाला शख्स आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। आरोपी ने कॉल कर न केवल अभद्र भाषा का प्रयोग किया, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। दिल्ली CM रेखा गुप्ता को धमकी देने वाले आरोपी को गाजियाबाद की पुलिस ने गिरफ्तार कर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को सौंप दिया है। दिल्ली में नेताओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।
बता दें कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को शुक्रवार को ही जान से मारने की धमकी मिली थी। इसके बाद उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी गई। गाजियाबाद पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि गुरुवार रात करीब 11 बजे पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) में एक अज्ञात कॉलर ने यह धमकी दी थी।
यह मामला सिर्फ एक धमकी का नहीं, बल्कि एक चुनी हुई महिला मुख्यमंत्री की सुरक्षा और लोकतंत्र की गरिमा से जुड़ा है। इसलिए दिल्ली पुलिस पर सवाल उठने लगा।
गाजियाबाद में पकड़ा गया आरोपी
सीएम रेखा गुप्ता को धमकी देने वाला आरोपी गाजियाबाद से पकड़ लिया गया है। आरोपी मेरठ से एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है। डीड राइटर का कोर्स करने के बाद गाजियाबाद कोर्ट में काम करता है। 2020 में शादी हुई थी लेकिन पत्नी डेढ़ साल से नरेला में अलग रह रही है। बीते एक साल में उसने दर्जनभर से ज्यादा बार कंट्रोल रूम में फोन कर चुका है।
आरोपी का कहना था कि पुलिस उसकी सुन नहीं रही है। इसलिए उसने इस बार इस तरह का कॉल किया था। उसने कबूल किया है कि उसने शराब के नशे में रेखा गुप्ता को जान से मारने की धमकी दी थी। फिलहाल, पुलिस हर एंगल से इस मामले की जांच में जुटी है।
नेताओं की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
यह मामला दिल्ली में नेताओं, खासकर महिला नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जैसी वरिष्ठ महिला राजनेता को धमकी मिलना, और वह भी फोन पर, दर्शाता है कि साइबर सुरक्षा और फिजिकल सिक्योरिटी दोनों की समीक्षा आवश्यक है।
सीएम रेखा गुप्ता ने जताई चिंता
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यह सिर्फ मेरे खिलाफ धमकी नहीं है, बल्कि लोकतंत्र पर हमला है। कोई भी व्यक्ति, खासकर एक महिला मुख्यमंत्री को इस तरह की धमकी देना, अस्वीकार्य है।"
इस घटना के बाद #RekhaGupta और #CMThreat ट्रेंड करने लगे। आम नागरिकों से लेकर राजनीतिक नेताओं तक ने इस घटना की कड़ी निंदा की। लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री समेत सभी नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उम्मीद की जा रही है कि आरोपी पर UAPA जैसे सख्त कानून के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है, अगर उसके किसी आतंकवादी या संगठित अपराध नेटवर्क से संबंध साबित होते हैं।
क्या आप इससे सहमत हैं? लोकतंत्र में इस तरह की धमकियों के खिलाफ सख्त कदम उठने चाहिए या नहीं? अपनी राय कमेंट में जरूर दें।
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