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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।दिल्ली की एक अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले में जांच अधिकारी (आईओ) की ओर से हुई चूक को रेखांकित करते हुए पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को स्पष्टीकरण के लिए पेश होने का निर्देश दिया है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश निशा सहाय सक्सेना जहांगीर पुरी थाने द्वारा फरवरी में दर्ज किए गए एक मामले में कुछ आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थीं।
आरोपी के फरार होने का झूठा दावा किया
यहां तीन सितंबर के आदेश में अदालत ने कहा कि पीड़ित पर गोली चलाने वाले कथित हमलावर सुजल को गिरफ्तार नहीं किया गया है और जांच अधिकारी ने दावा किया है कि वह फरार है। आदेश में कहा गया है, ‘‘फरार बताए जा रहे आरोपी सुजल के संबंध में जांच अधिकारी उपनिरीक्षक प्रवेश कुमार अपना स्पष्टीकरण दाखिल करें कि उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए कितनी बार प्रयास किए; उसकी गिरफ्तारी के संबंध में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट से क्या आदेश प्राप्त किए या अगर वह वास्तव में फरार है तो उसे अपराधी घोषित कराने के लिए उन्होंने क्या प्रयास किए।
मूल चिकित्सा-कानूनी रिपोर्ट दायर नहीं की
अदालत ने कहा कि हालांकि अंतिम रिपोर्ट चार मई को दाखिल कर दी गई थी, लेकिन घायल का मूल चिकित्सा-कानूनी रिपोर्ट दायर नहीं की गई। अदालत ने कहा, जांच अधिकारी की ओर से हुई चूक के कारण अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी हो रही है। मामले में स्पष्टीकरण के लिए उत्तर-पश्चिम के डीसीपी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना होगा। मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को तय की गई है। North East Delhi news | Delhi news today | trending Delhi news | delhi news | Delhi Court