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एक नवंबर से दिल्ली में बड़ा बदलाव, 1 लाख  या उससे अधिक के साइबर अपराधों के लिए ई-एफआईआर की सुविधा शुरू

वर्ष 2024 में दिल्लीवासियों को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। दिल्ली पुलिस ने साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में ई-एफआईआर दर्ज कराने की सीमा 10 लाख रुपये से घटाकर 1 लाख रुपये कर दी है।

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Mukesh Pandit
Cyber अपराधों के तूफान ने बढ़ाई चिंता, क्या कहती है NCRB की ताजा रिपोर्ट? | यंग भारत न्यूज

1 लाख  या उससे अधिक के साइबर अपराधों के लिए ई-एफआईआर की सुविधा शुरू 

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। देश में बढ़ते साइबर अपराध पुलिस के लिए एक नई चुनौती बनकर उभरे हैं। अकेले राजधानी दिल्ली में साइबर अपराध तेजी से बढ़े हैं, वर्ष 2024 में दिल्लीवासियों को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। दिल्ली पुलिस ने साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में ई-एफआईआर दर्ज कराने की सीमा 10 लाख रुपये से घटाकर 1 लाख रुपये कर दी है, जिसका उद्देश्य त्वरित निवारण और मज़बूत डिजिटल पुलिसिंग है। दिल्ली पुलिस 1 नवंबर 2025 से 1 लाख रुपये या उससे अधिक के साइबर अपराधों के लिए ई-एफआईआर की सुविधा शुरू करेगी। यानि पीड़ित थाने में जाकर ई-एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। इससे पहले ये सुविधा 10 लाख रुपए तक के मामलों में थी।

एक लाख तक की धोखाधड़ी पर किसी भी थाने में एफआईआर

दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने आधिकारिक अकाउंट पर यह जानकारी साझा की है, इसके मुताबिक 1 लाख रुपये और उससे अधिक की ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार अब 1 नवंबर से ई-एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। यह सुविधा, जो वर्तमान में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की धोखाधड़ी पर लागू होती है, अब कम राशि की धोखाधड़ी के शिकार लोगों को भी मिल सकेगी। पीड़ित दिल्ली के किसी भी पुलिस स्टेशन में आसानी से ई शिकायत दर्ज करा सकेंगे। अधिकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता किसी भी पुलिस स्टेशन में जा सकते हैं, जहां एकीकृत सहायता डेस्क के कर्मचारी उनकी शिकायत दर्ज करेंगे और यदि धोखाधड़ी की गई राशि 1 लाख रुपये से अधिक है, तो ई-एफआईआर दर्ज करेंगे।

इस सुविधा से रजिस्टर मामलों की संख्या बढ़ेगी

इस संबंध में विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) देवेश चंद्र श्रीवास्तव के अनुसार "पहले हमें हर महीने 70 से 80 शिकायतें मिलती थीं, जिसके परिणामस्वरूप 10 लाख रुपये या उससे अधिक की धोखाधड़ी की ई-एफआईआर दर्ज होती थीं, सीमा को घटाकर 1 लाख रुपये करने के नए फैसले के साथ, हमें उम्मीद है कि ई-एफआईआर दर्ज कराने के लिए यह संख्या बढ़कर हर महीने 700-800 हो जाएगी।। उन्होंने बताया कि नई पहल के तहत, 1 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि गंवाने वाले शिकायतकर्ता 1930 साइबर हेल्पलाइन पर भी कॉल कर सकते हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कॉल लेने वाला व्यक्ति पोर्टल पर शिकायत दर्ज करेगा, जो स्वचालित रूप से ई-एफआईआर में बदल जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली पुलिस को इस हेल्पलाइन पर हर दिन साइबर धोखाधड़ी से संबंधित 3,000 से अधिक कॉल आती हैं।

एक लाख से कम की शिकायतें भी हो सकेंगी दर्ज

विशेष पुलिस आयुक्त ने कहा, "1930 हेल्पलाइन नंबर पर 20 कॉल लेने वालों के अलावा, राष्ट्रीय राजधानी में हमारे पास कुल 225 पुलिस स्टेशन हैं जहां पीड़ित आकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं इसलिए, साइबर संबंधी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने के लिए हमारे पास अतिरिक्त कर्मचारी होंगे।"
1 लाख रुपये से कम की राशि वाली साइबर वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायतें भी राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 या दिल्ली के किसी भी पुलिस स्टेशन के माध्यम से दर्ज की जाती रहेंगी।

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शिकायतों की जांच संबंधित पुलिस स्टेशन पर ही होगी

उन्होंने बताया कि 1 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक की साइबर धोखाधड़ी की जांच संबंधित पुलिस स्टेशन करेंगे। उन्होंने कहा, "25 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की धोखाधड़ी की शिकायतों को अपराध शाखा द्वारा देखा जाएगा। अगर राशि 50 लाख रुपये से अधिक है, तो मामलों को आईएफएसओ इकाई द्वारा देखा जाएगा"। श्रीवास्तव ने कहा कि इन सभी मामलों की जाँच साइबर पुलिस थानों, अपराध शाखा और इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) इकाई द्वारा नियमित एफआईआर के समान ही की जाएगी। दिल्ली पुलिस ने कहा कि नई प्रणाली विभिन्न डिजिटल वित्तीय अपराधों, जैसे यूपीआई घोटाले, निवेश धोखाधड़ी और पहचान की चोरी की रिपोर्ट अधिक आसानी से करने में मदद करेगी। दिल्ली पुलिस ने नागरिकों को ऑनलाइन निवेश समूहों में शामिल न होने, अज्ञात .apk फ़ाइलें डाउनलोड न करने या बिना सत्यापन के धन ट्रांसफर न करने की सलाह दी है।

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