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सीईओ बनकर दिल्ली के परिवार से एक करोड़ ठगे, डिजिटल एडिटर की नौकरी व निवेश का दिया था झांसा

कई कंपनियों का सीईओ बताकर नौकरी और निवेश योजनाओं का प्रस्ताव देकर ठगी की। महाराष्ट्र निवासी कुणाल सतीश हेलकर कथित तौर पर जाली कंपनी दस्तावेजों, फर्जी ऑफर लेटर और फर्जी ऑनलाइन पहचान का इस्तेमाल किया।

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Mukesh Pandit
Cyber अपराधों के तूफान ने बढ़ाई चिंता, क्या कहती है NCRB की ताजा रिपोर्ट? | यंग भारत न्यूज

Cyber अपराधों के तूफान ने बढ़ाई चिंता, क्या कहती है NCRB की ताजा रिपोर्ट? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

नई दिल्ली,वाईबीएन डेस्क। गोवा के एक व्यक्ति को एक महिला और उसके परिवार से कथित तौर पर 1.10 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसने खुद को कई कंपनियों का सीईओ बताकर और सोशल मीडिया पर उन्हें नौकरी और निवेश योजनाओं का प्रस्ताव देकर ठगी की। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र निवासी कुणाल सतीश हेलकर कथित तौर पर जाली कंपनी दस्तावेजों, फर्जी ऑफर लेटर और फर्जी ऑनलाइन पहचान का इस्तेमाल करके कई पीड़ितों को ठगने के लिए एक साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क चलाता था। 

डिजिटल एसोसिएट न्यूज एडिटर की नौकरी की पेशकश की

पुलिस उपायुक्त (द्वारका) अंकित सिंह ने एक बयान में कहा, दीक्षा कनौजिया नामक महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद जांच शुरू हुई। दीक्षा ने आरोप लगाया था कि हेलकर ने उसे और उसके परिवार को नौकरी, कंपनी में साझेदारी और आकर्षक निवेश के झूठे वादों के जरिए ठगा। पुलिस ने कहा कि हेलकर ने पिछले साल 20 फरवरी को सोशल मीडिया के जरिए शिकायतकर्ता से पहली बार संपर्क किया था और उसे अपनी कंपनी में 45,000 रुपये के वेतन पर डिजिटल एसोसिएट न्यूज एडिटर की नौकरी की पेशकश की थी।

आरोपी ने प्लानर मीडिया ग्रुप बनाकर की धोखाधड़ी

पुलिस के अनुसार, कहा गया है कि उसने कथित तौर पर कई फर्जी संस्थाएं बनाईं - जिनमें प्लानर मीडिया ग्रुप, स्पीक कम्युनिटी नेटवर्क और विजया डिजिटल कॉर्पोरेशन शामिल हैं। नकली नियुक्ति पत्रों, रसीदों और ईमेल के जरिए, हेलकर ने कथित तौर पर पीड़िता और उसके रिश्तेदारों को इंटर्नशिप फीस और रोजगार संबंधी योजनाओं के साथ-साथ गैजेट्स खरीदने और डीडीए फ्लैटों के आवंटन जैसे विभिन्न बहानों के तहत बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए राजी किया। डीसीपी ने कहा, उसने शिक्षित पीड़ितों की पहचान करने और उन्हें निशाना बनाने के लिए पेशेवर नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया। उसने अपने कार्यों को वैध दिखाने के लिए यूनेस्को और डीडीए जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की वेबसाइट और दस्तावेज़ भी फर्जी तरीके से बनाए। 

गोवा में छिपा था आरोपी

जांच के दौरान, मोबाइल नंबरों, ईमेल खातों और बैंक लेनदेन के तकनीकी विश्लेषण से धोखाधड़ी और डिजिटल हेरफेर का जाल सामने आया। हेलकर ने शिकायतकर्ता की गतिविधियों पर नजर रखने और उनका विश्वास जीतने के लिए सुरक्षा के दावे की आड़ में उनके घर पर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए थे। व्यापक निगरानी और डिजिटल ट्रैकिंग के बाद, आरोपी का गोवा में पता चला, जहां वह छिपा हुआ था। उन्होंने कहा, एक टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से दो मोबाइल फोन, जाली दस्तावेज, डीडीए आवंटन के फर्जी ईमेल और अपराध में इस्तेमाल किए गए वित्तीय उपकरण बरामद किए। 

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फर्जी कॉर्पोरेट पहचान पत्र बनाने का अपराध कबूला

पूछताछ के दौरान, हेलकर ने कथित तौर पर कई फर्जी कॉर्पोरेट पहचान पत्र बनाने और शिकायतकर्ता के परिवार से एक करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने की बात कबूल की। गोवा की एक स्थानीय अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद उसे दिल्ली लाया गया। पुलिस अब ठगी गई धनराशि का पता लगा रही है, संभावित साथियों की पहचान कर रही है, और इस बात की पुष्टि कर रही है कि क्या इसी तरह के अन्य घोटाले भी हुए हैं। Delhi crime news | Delhi Crime Season 3 | Delhi crime update | cyber fraud | cyber crimes | cyber security 

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