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दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी।
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। आलोचनाओं और नागरिकों के गहरे असंतोष के बाद गुरुवार को दिल्ली की सरकार ने यूटर्न लिया है। राज्य पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बृहस्पतिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस कदम से लोगों में असंतोष है और सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि यह नियम सिर्फ राजधानी में नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर लागू होना चाहिए। हाल ही में पुरानी गाड़ियों को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई थी। 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को सीज किया जा रहा था।
#WATCH | Delhi Environment Minister Manjinder Singh Sirsa writes to the Commission for Air Quality Management to place on hold the direction which mandates the denial of fuel to End-of-Life (EOL) vehicles in Delhi
— ANI (@ANI) July 3, 2025
He says, "We have informed them that the Automatic Number Plate… pic.twitter.com/pNiFt7R0Ec
84 लाख रुपये की मर्सिडीज महज ढाई लाख में बेचनी पड़ी
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसके लिए पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे लगाए गए थे जो पुरानी गाड़ियों की पहचान करके उन पर कार्रवाई कर रहे थे। लेकिन इस नियम की वजह से आम जनता को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ीं। एक बड़ा उदाहरण सामने आया जब एक व्यक्ति को अपनी 84 लाख रुपये की मर्सिडीज महज ढाई लाख में बेचनी पड़ी क्योंकि उसकी गाड़ी पुराने नियमों के अनुसार सीज की जा सकती थी। उन्होंने बताया दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पत्र लिखकर कहा है कि तकनीकी चुनौतियों और जटिल प्रणालियों के कारण तय मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध लगाना व्यावहारिक नहीं है और तत्काल इसे स्थगित करने का अनुरोध किया।
समाधान तलाशने की कोशिश कर रही है सरकार
दिल्ली के सिरसा ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार 10 वर्ष या उससे अधिक पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों सहित तय मियाद पूरी करने वाले वाहनों पर लगे प्रतिबंध का समाधान तलाशने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि वाहनों पर प्रतिबंध उनकी उम्र के आधार पर नहीं, बल्कि उनके द्वारा फैलाए जाने वाले प्रदूषण के आधार पर लगाया जाए।’’ मंत्री ने एक जुलाई से मियाद पूरी कर चुके वाहनों में ईंधन भरने पर रोक लागू करने में आने वाली विभिन्न चुनौतियों और समस्याओं का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमने सीएक्यूएम को बताया है कि हम इसे लागू करने में सक्षम नहीं हैं।’’ दिल्ली सरकार ने एक जुलाई से तय मियाद पूरी कर चुके वाहनों के लिए पेट्रोल पंप से ईंधन भराने पर रोक लगा दिया था।
पहले एनसीआर के वाहनों पर रोक लगे
सरकार के मुताबिक 10 वर्ष या उससे अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 वर्ष या उससे अधिक पुराने पेट्रोल वाहन इस आदेश की जद में आएंगे। अदालत के आदेश के अनुसार सड़कों पर इन वाहनों को चलने की अनुमति नहीं है। सिरसा ने सीएक्यूएम अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में यह भी सुझाव दिया कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मियाद कर चुके वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध लागू किया जाना चाहिए। परिवहन विभाग और यातायात पुलिस एक जुलाई से पेट्रोल पंप ईंधन भराने आने वाले मियाद पूरी कर चुके वाहनों को जब्त कर रही है।
सीएक्यूएम को पत्र लिखा
सिरसा ने दिल्ली सरकार की ओर से सीएक्यूएम को पत्र लिखकर आयोग से 23 अप्रैल के निर्देश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का आग्रह किया। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि जहां तक ईंधन प्रतिबंध के कार्यान्वयन का सवाल है, इसमें कई महत्वपूर्ण परिचालन और ढांचागत चुनौतियां हैं और इस समय इस आदेश को लागू करना ‘‘व्यावहारिक नहीं होगा।’’ सिरसा ने कहा कि यह कदम संभावित रूप से प्रतिकूल भी हो सकता है। मंत्री ने कहा, ‘‘इस अत्यंत जटिल प्रणाली की तकनीकी विसंगतियों और पड़ोसी राज्यों के साथ एकीकरण की कमी के कारण जनता में असंतोष और आक्रोश है और उक्त परिस्थितियों में, दिल्ली में पेट्रोल पंप पर स्थापित एएनपीआर कैमरों के माध्यम से पहचाने गए वाहनों पर इस प्रणाली को लागू करना व्यवहारिक नहीं है।’’
एनसीआर राज्यों के डेटाबेस के साथ पूरी तरह से एकीकृत नहीं
उन्होंने कहा कि अधिकांश पेट्रोल पंप पर स्वत: नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन प्रणाली में तकनीकी गड़बड़ियां, कैमरा प्लेसमेंट, सेंसर और स्पीकर की खराबी जैसी समस्याएं आ रही हैं, जिससे उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट के बिना पुराने वाहनों की पहचान नहीं हो पाती है। सिरसा ने कहा कि इसके अलावा, यह प्रणाली अब भी पड़ोसी एनसीआर राज्यों के डेटाबेस के साथ पूरी तरह से एकीकृत नहीं है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को दिल्ली में लागू करने से पहले उचित परीक्षण और त्रुटि सुधार की आवश्यकता है।
दिल्ली में प्रतिबंध से उद्देश्य पूरा नहीं होगा,
मंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रतिबंध से उद्देश्य पूरा नहीं होगा, क्योंकि तय मियाद से पुराने वाहनों के मालिक गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद जैसे एनसीआर शहरों से ईंधन भरवा सकते हैं, जहां ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। मंत्री ने अपने पत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों की जानकारी दी है, जिनमें विशेष रूप से राज्य से बाहर के वाहनों के लिए सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र व्यवस्था को लागू करना शामिल है।
उन्होंने बताया कि सरकार एक ऐसी प्रणाली बनाने का भी प्रयास कर रही है जिसके तहत पुराने वाहनों के मालिकों को चरणबद्ध तरीके से वाहन हटाने की योजना बनाने के लिए 2-3 महीने पहले एसएमएस भेजा जाएगा। सिरसा ने दिल्ली की पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार पर भी आरोप लगाया कि उसने मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर प्रतिबंध को अदालत और राष्ट्रीय हरित अधिकरण में चुनौती देने के बजाय इसे लागू कर दिया।