नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।
Delhi High Court ने UP Police के महानिदेशक (DGP) को एक सनसनीखेज मामले में जांच रिपोर्ट दाखिल करने का सख्त आदेश दिया है। मामला है दिल्ली के एक व्यक्ति की 'गुप्त' गिरफ्तारी का, जिसे यूपी पुलिस ने बिना स्थानीय पुलिस को सूचित किए 'गायब' कर दिया था।
याचिकाकर्ता, सतिंदर सिंह भसीन, का आरोप है कि यूपी पुलिस ने 18 फरवरी को कनॉट प्लेस, दिल्ली से उन्हें रहस्यमय तरीके से उठाया और अज्ञात स्थान पर ले गई। दिल्ली पुलिस को इस गिरफ्तारी की कोई जानकारी नहीं दी गई। अगले दिन, 19 फरवरी को, सतिंदर को यूपी की एक अदालत ने रिहा कर दिया।
अदालत ने मामले की गंभीरता को समझा
- न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
- अदालत ने कहा है कि एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में उचित प्रोटोकॉल का पालन किए बिना गिरफ्तारी नहीं कर सकती।
- अदालत ने यूपी के डीजीपी को इस मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
- अदालत ने ग्रेटर नोएडा के पुलिस आयुक्त को भी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।
उठ रहे कानूनी सवाल
- क्या यूपी पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया?
- दिल्ली पुलिस को सूचित न करना कितना गंभीर है?
- क्या यह घटना नागरिकों के अधिकारों का हनन है?
याचिकाकर्ता ने उठाई यह मांग
सतिंदर सिंह भसीन के वकील, विशाल गोसाईं, ने अदालत से मांग की है कि डीजीपी को इस मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने सतिंदर को बयान दर्ज कराने के लिए नहीं बुलाया था, जो कि एक गंभीर अनियमितता है।
अदालत ने यूपी पुलिस के वकील को नोटिस जारी किया है। DGP की रिपोर्ट के बाद, अदालत आगे की कार्रवाई तय करेगी। यह मामला अंतरराज्यीय पुलिस कार्यवाही और नागरिकों के अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।