Advertisment

UP Police पर सख्त हुआ Delhi High Court, राज्यों की पुलिस Protocol का करे पालन

दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे एक संवेदनशील मामले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह मामला दिल्ली के एक व्यक्ति की गुप्त गिरफ्तारी का है।

author-image
Ajit Kumar Pandey
DELHI HIGH COURT

DELHI HIGH COURT-UP POLICE

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

Advertisment

Delhi High Court ने UP Police के महानिदेशक (DGP) को एक सनसनीखेज मामले में जांच रिपोर्ट दाखिल करने का सख्त आदेश दिया है। मामला है दिल्ली के एक व्यक्ति की 'गुप्त' गिरफ्तारी का, जिसे यूपी पुलिस ने बिना स्थानीय पुलिस को सूचित किए 'गायब' कर दिया था।

याचिकाकर्ता, सतिंदर सिंह भसीन, का आरोप है कि यूपी पुलिस ने 18 फरवरी को कनॉट प्लेस, दिल्ली से उन्हें रहस्यमय तरीके से उठाया और अज्ञात स्थान पर ले गई। दिल्ली पुलिस को इस गिरफ्तारी की कोई जानकारी नहीं दी गई। अगले दिन, 19 फरवरी को, सतिंदर को यूपी की एक अदालत ने रिहा कर दिया।

अदालत ने मामले की गंभीरता को समझा

Advertisment
  • न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
  • अदालत ने कहा है कि एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में उचित प्रोटोकॉल का पालन किए बिना गिरफ्तारी नहीं कर सकती।
  • अदालत ने यूपी के डीजीपी को इस मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
  • अदालत ने ग्रेटर नोएडा के पुलिस आयुक्त को भी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।

उठ रहे कानूनी सवाल

  • क्या यूपी पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया?
  • दिल्ली पुलिस को सूचित न करना कितना गंभीर है?
  • क्या यह घटना नागरिकों के अधिकारों का हनन है?
Advertisment

याचिकाकर्ता ने उठाई यह मांग

सतिंदर सिंह भसीन के वकील, विशाल गोसाईं, ने अदालत से मांग की है कि डीजीपी को इस मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने सतिंदर को बयान दर्ज कराने के लिए नहीं बुलाया था, जो कि एक गंभीर अनियमितता है।

अदालत ने यूपी पुलिस के वकील को नोटिस जारी किया है। DGP की रिपोर्ट के बाद, अदालत आगे की कार्रवाई तय करेगी। यह मामला अंतरराज्यीय पुलिस कार्यवाही और नागरिकों के अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।

up police Delhi high court
Advertisment
Advertisment