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तिहाड़ में बनी अफ़ज़ल और मक़बूल की कब्र को हटाने की याचिका दायर, Court ने क्या कहा? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका ने देश को चौंका दिया है। इस जनहित याचिका में मांग की गई है कि तिहाड़ जेल परिसर से आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु और मक़बूल भट्ट की कब्रें हटाई जाएं। अफ़ज़ल गुरु और मक़बूल भट्ट को तिहाड़ में ही दफनाया गया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका ने बड़ा सवाल उठाया है—क्या आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु और मक़बूल भट्ट की कब्रें जेल परिसर से हटाई जा सकती हैं? याचिकाकर्ता ने इसे जेल नियमों का उल्लंघन बताते हुए इसे राष्ट्र की सुरक्षा और संवेदनशीलता से जुड़ा मुद्दा करार दिया है।
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में मांग की गई है कि तिहाड़ जेल के अंदर मौजूद अफ़ज़ल गुरु और मक़बूल भट्ट की कब्रों को हटाया जाए। याचिकाकर्ता का मानना है कि इन कब्रों की मौजूदगी जेल के नियमों के खिलाफ है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक संवेदनशील विषय है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कुछ कड़े सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि याचिका में तिहाड़ जेल के नियमों के उल्लंघन से जुड़े पर्याप्त सबूत नहीं हैं। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की बेंच ने जोर दिया कि याचिका में यह भी नहीं बताया गया है कि कब्रें जेल परिसर के अंदर कितनी दूरी पर बनी हैं।
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील बरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि कोर्ट ने डेटा की कमी पर चिंता जाहिर की। सिन्हा ने कहा कि कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर डेटा उपलब्ध होता जो नियमों के उल्लंघन को दिखाता तो याचिका पर आगे बढ़कर विचार किया जा सकता था।
VIDEO | Delhi: Advocate Barun Kumar Sinha on Delhi HC hearing on PIL seeking removal of graves of Afzal Guru, Maqbool Bhatt from Tihar jail premises says, "The court noted that data on the issue is unavailable, including distance and adherence to jail rules, and highlighted a… pic.twitter.com/AVn9JyY8bf
— Press Trust of India (@PTI_News) September 24, 2025
कौन थे अफ़ज़ल गुरु और मक़बूल भट्ट?
अफ़ज़ल गुरु: 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड। इस हमले में कई सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। अफ़ज़ल गुरु को 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।
मक़बूल भट्ट: जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सह-संस्थापक। मक़बूल पर एक भारतीय राजनयिक की हत्या का आरोप था। उसे 11 फरवरी 1984 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।
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