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आजीवन कारावास की सजा काट रहे आतंकी की रिहाई याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने की खारिज

यह साजिश सरकार पर दबाव डालने और जेल में बंद आतंकवादियों को रिहा कराने के लिए रची गई थी। अदालत ने कहा कि आतंकी का अपराध 'बहुत गंभीर' था और यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा था।

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Mukesh Pandit
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Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली हाईकोर्ट ने चार विदेशी नागरिकों के अपहरण की आतंकी साजिश में शामिल होने के दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति की जल्द रिहाई की याचिका खारिज कर दी है। यह साजिश सरकार पर दबाव डालने और जेल में बंद आतंकवादियों को रिहा कराने के लिए रची गई थी। अदालत ने कहा कि आतंकी का अपराध 'बहुत गंभीर' था और यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा था।

वह 26 साल से अधिक समय से जेल में बंद 

 उच्च न्यायालय ने कहा कि आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे नासिर मोहम्मद सोदोजी उर्फ ​​आफताब अहमद की याचिका को खारिज करने के 30 जून 2023 के सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) के फैसले में कोई गलती नहीं है। अहमद ने यह दलील देते हुए जेल से जल्दी रिहाई की याचिका दायर की है कि वह 26 साल से अधिक समय से जेल में बंद है।

 उच्च न्यायालय ने कहा कि लंबे समय तक जेल में रहना एक महत्वपूर्ण कारक है और समीक्षा करने वाले अधिकारी को इस पर विचार करना चाहिए, लेकिन अगर मूल अपराध का उद्देश्य देश को अस्थिर करना और नागरिकों तथा विदेशी पर्यटकों में भय फैलाना था, तो यह समाज के व्यापक हितों से ऊपर नहीं हो सकता। 

विदेशी अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था

सोदोजी को 2002 में भारतीय दंड संहिता, आतंकवाद और विघटनकारी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम और विदेशी अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था। यह अपराध प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हरकत-उल-अंसार के नाम पर किया गया था। उसे मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसे उच्चतम न्यायालय ने 2003 में उम्रकैद में बदल दिया था।delhi highcourt | Delhi high court | Delhi High Court News

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