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Delhi में 'अवैध घुसपैठ' पर बड़ा एक्शन : 120 बांग्लादेशी गिरफ्तार, जानें - पूरा सच!

दिल्ली में 'अवैध घुसपैठ' पर बड़ा एक्शन! पूर्वी दिल्ली में अब तक 120 से अधिक अवैध बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, जिनमें से कई की निर्वासन प्रक्रिया शुरू। जानें कैसे हुई पहचान और क्यों राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम है यह अभियान।

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Ajit Kumar Pandey
दिल्ली पुलिस द्वारा अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को हिरासत में लेते हुए, अभियान की कार्रवाई दर्शाती हुई तस्वीर | यंग भारत न्यूज

पूर्वी दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के खिलाफ चलाए गए अभियान में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए लोग | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चल रहा है। पूर्वी दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में 120 से अधिक अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। यह अभियान न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

दिल्ली, भारत की राजधानी होने के नाते, अक्सर अवैध अप्रवासियों का एक केंद्र बन जाती है। इनमें से बड़ी संख्या बांग्लादेश से आए अवैध नागरिकों की होती है। ये लोग न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं, बल्कि स्थानीय संसाधनों पर भी अनावश्यक दबाव डालते हैं। पूर्वी दिल्ली के डीसीपी अभिषेक धनिया ने बताया कि इस साल की शुरुआत से ही अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों और रोहिंग्याओं की पहचान के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

यह अभियान सिर्फ कागज़ों पर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर सूचनाओं और तकनीकी इनपुट के आधार पर चलाया जा रहा है। पहले पांच महीनों में 36 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया था। उनसे मिली जानकारी के आधार पर, आगे 83 और लोगों को पकड़ा गया, और उनकी निर्वासन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह आंकड़ा दिखाता है कि अधिकारी कितने सक्रिय रूप से इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं।

कैसे की जा रही है अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान?

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यह समझना महत्वपूर्ण है कि इस तरह के अभियानों में पहचान कैसे की जाती है। पुलिस सिर्फ किसी भी व्यक्ति को नहीं पकड़ रही है; बल्कि, उनके पास स्थानीय और तकनीकी इनपुट होते हैं। इसमें संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी, गुप्त सूचनाएं, और कई बार गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के दौरान मिली महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है। इस प्रक्रिया में अक्सर समय लगता है, लेकिन यह सुनिश्चित करता है कि कार्रवाई सही लोगों के खिलाफ हो।

डीएनए और फिंगरप्रिंट जैसे फॉरेंसिक सबूतों का उपयोग भी इन मामलों में सहायक हो सकता है, हालाँकि, अभियान का मुख्य फोकस स्थानीय जानकारी और इंटेलिजेंस पर है। पूर्वी दिल्ली में अब तक कुल 120 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है। यह संख्या हमें इस समस्या की गंभीरता के बारे में बताती है।

अवैध अप्रवासियों से जुड़ी चुनौतियां : कानून और मानवीय पहलू

अवैध अप्रवासियों की समस्या केवल कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई सामाजिक और मानवीय पहलू भी हैं। इन लोगों में से कई गरीबी और बेहतर जीवन की तलाश में भारत आते हैं, लेकिन अवैध तरीके से प्रवेश करना कानूनन अपराध है। उनके अवैध रूप से रहने से न केवल आपराधिक गतिविधियों की संभावना बढ़ती है, बल्कि उन्हें भी कई तरह के शोषण का शिकार होना पड़ता है।

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यह अभियान सिर्फ उन्हें पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी निर्वासन प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। इसका मतलब है कि उन्हें उनके मूल देश वापस भेजा जाएगा। यह एक लंबी और जटिल प्रक्रिया हो सकती है, जिसमें राजनयिक स्तर पर भी बातचीत की आवश्यकता होती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर अवैध घुसपैठ का खतरा

अवैध बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं की उपस्थिति से राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि इनमें से कुछ लोग आपराधिक गतिविधियों या राष्ट्र-विरोधी तत्वों के साथ जुड़ सकते हैं। यही वजह है कि सरकार और दिल्ली पुलिस इस मुद्दे पर इतनी सख्ती दिखा रही है। यह केवल एक पुलिस कार्रवाई नहीं, बल्कि देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने का एक प्रयास है।

यह अभियान एक स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। भविष्य में भी ऐसे अभियानों के जारी रहने की संभावना है ताकि दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों से अवैध घुसपैठियों को निकाला जा सके।

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