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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।देश की राजधानी में दिल्ली पुलिस ने एक संगठित ऑनलाइन पुस्तक पायरेसी (चोरी) नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए उसके कथित संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस रैकेट से जुड़े पांच अन्य लोगों को भी नोटिस जारी किया हैं। मयूर विहार फेज वन निवासी अनमोल किरो (27) पर एक वेबसाइट के माध्यम से इस नेटवर्क को संचालित करने और देश भर में शैक्षणिक (अकादमिक) पुस्तकों की पायरेसी वाली प्रतियां बेचने का आरोप है।
ऑनलाइन स्टोरफ्रंट के माध्यम से चल रहा था नेटवर्क
दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह नेटवर्क एक ऑनलाइन स्टोरफ्रंट के माध्यम से वैधता का भ्रम पैदा करके, डिजिटल भुगतान प्रणालियों का उपयोग करके, स्वचालित रूप से बिल बनाकर, सड़क विक्रेताओं से पायरेसी वाली सामग्री प्राप्त कर उसे कूरियर सेवाओं के माध्यम से पूरे भारत में भेजकर संचालित हो रहा था। उन्होंने बताया कि पहचान से बचने के लिए छपाई और छपाई में उपयोग की जाने वाली 'प्लेट' बनाने का काम अलग-अलग इकाइयों को आउटसोर्स किया जाता था। इस मामले में तीन नवंबर को धोखाधड़ी से संबंधित आरोपों और कॉपीराइट अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद मामले में जांच शुरू की गई।
बुक भंडार डॉट इन बनाकर चलाया नेटवर्क
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वेबसाइट की तकनीकी निगरानी ने पुलिस को कथित संचालन करने वाले किरो तक पहुंचाने में मदद की। पुलिस ने बताया कि किरो के आवास पर छापे के बाद प्रतिष्ठित प्रकाशकों की 42 नकली (पायरेटेड) शैक्षणिक किताबें बरामद की गईं। अधिकारी ने बताया कि जांच में यह पता चला कि किरो ने बुक भंडार डॉट इन नाम से एक ऑनलाइन व्यापार मंच (ई-कॉमर्स प्लेटफार्म) और उससे जुड़ा एक सोशल मीडिया अकाउंट बनाया था। वह भुगतान प्राप्त करने के लिए फिन्स्कूल एजुकेशन नाम के एक बैंक खाते का उपयोग कर रहा था।
दरियागंज से किताबें मंगवाकर कूरियर से भेजी गईं
आरोपी ने कथित तौर पर दरियागंज से नकली किताबें मंगवाईं और वह उन्हें कूरियर के जरिए पूरे भारत में पहुंचाता था। पूछताछ के दौरान, कीरो ने इस बड़ी आपूर्ति शृंखला का खुलासा किया। पांडव नगर के गणेश नगर इलाके में एक अन्य छापेमारी के दौरान, कुल 686 पायरेसी वाली किताबें बरामद की गईं। ये किताबें 18 अलग-अलग शीर्षकों की थीं। छापेमारी के बाद, इन सभी किताबों को ज़ब्त कर लिया गया और उन्हें पुलिस मालखाना में जमा करा दिया गया है। पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े चार लोगों को नोटिस जारी किया हैं, जिसमें सुनील कुमार गुप्ता,ललन गुप्ता, नवेद और कामरान (37) शामिल है। उक्त व्यक्तियों पर लगे आरोपों के अनुसार, सुनील कुमार गुप्ता के परिसर से पुलिस ने 686 किताबें जब्त की हैं।
छपाई में प्रयोग की जाने वाले प्लेट मिली
ललन गुप्ता पर इन नकली किताबों की बिक्री से संबंधित भुगतान प्राप्त करने का गंभीर आरोप है। वहीं, इस पूरे नेटवर्क में, नवेद को नकली सामग्री का मुख्य आपूर्तिकर्ता होने के संदेह के घेरे में रखा गया है। इस नेटवर्क में कामरान (37) भी शामिल है, जो हौज काजी इलाके में एक मुद्रणालय चलाता है। पुलिस ने कामरान के परिसर से एक मुद्रणालय भी जब्त किया है, जिसका इस्तेमाल नकली किताबें छापने के लिए किया जा रहा था। दिल्ली पुलिस ने हिलाल मोहम्मद (40) नामक एक और व्यक्ति को नोटिस जारी किया है।
पुलिस को वह पायरेटेड किताबों की छपाई में उपयोग की जाने वाली 'प्लेट' तैयार करते हुए मिला था। पुलिस ने बताया कि उसके पास से इस तरह की तीन प्लेटें जब्त की गई हैं। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की साइबर-सक्षम आर्थिक अपराधों और कॉपीराइट उल्लंघनों पर चल रही कार्रवाई के तहत की गई।
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