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Delhi Police ने आतंकी मॉड्यूल के 5 आरोपी पकड़े, जानें क्या बोले एडिशनल सीपी? | यंग भारत न्यूज Photograph: (ANI)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़े पाकिस्तानी आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया है। इस ऑपरेशन में पांच युवाओं को गिरफ्तार किया गया है जो कथित तौर पर देश में 'खिलाफत मॉडल' स्थापित करने की साजिश रच रहे थे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों के पास से आईईडी बनाने का सामान, हथियार और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। इस मॉड्यूल का सरगना झारखंड का रहने वाला दानिश था जो पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर के संपर्क में था।
भारत की सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने एक बड़े खतरे को समय रहते टाल दिया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बेहद संवेदनशील और बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है।
एडिशनल सीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने खुलासा किया है कि गिरफ्तार किए गए ये पांचों युवा पाकिस्तान में बैठे एक हैंडलर के इशारे पर काम कर रहे थे। इनका मकसद भारत में एक 'खिलाफत मॉडल' स्थापित करना था।
ये सभी 20 से 26 साल के युवा हैं। इनके पास से सल्फर पाउडर, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, सोडियम बाइकार्बोनेट, आईईडी बनाने वाले उपकरण, तार, मदरबोर्ड, लैपटॉप, मोबाइल फोन, हथियार और कारतूस बरामद किए गए हैं।
इस पूरे मॉड्यूल का मास्टरमाइंड झारखंड का रहने वाला दानिश है। दानिश ही पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर के संपर्क में था और उसी ने इस पूरे ग्रुप को जोड़ा था। वह 'गज़वा लीडर' नाम की आईडी का इस्तेमाल करता था और खुद को 'सीईओ' कहता था।
दानिश की गिरफ्तारी से ही कई अहम खुलासे हुए हैं। उसके पास से कुछ आपत्तिजनक ड्रॉइंग्स भी मिली हैं जो बताती हैं कि ये लोग खुद ही बम और कारतूस बनाने की ट्रेनिंग ले रहे थे।
#WATCH | Delhi: Pramod Singh Kushwaha, Additional CP of the Special Cell, says, "...Five people have been arrested, and this was a Pakistan handler-backed pan-India terror module. Among the people who have been arrested, one is from Jharkhand, two from Delhi, who were basically… https://t.co/jfEK2v1DoNpic.twitter.com/zsHr0LFQrM
— ANI (@ANI) September 11, 2025
दिल्ली में हथियारों की डील और गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम को इन संदिग्धों की गतिविधियों के बारे में गोपनीय जानकारी मिली थी। इसी सूचना के आधार पर मुंबई के रहने वाले आफताब अंसारी और उसके साथी सूफियान अबू बकर को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया। ये दोनों दिल्ली में हथियार खरीदने आए थे। आफताब का काम टारगेट किलिंग को अंजाम देना था। उसके पास से हथियार भी बरामद हुए हैं। वह ठाणे जिले का रहने वाला है और माना जा रहा है कि वह इस मॉड्यूल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
देश के कई राज्यों में फैला नेटवर्क
इस मॉड्यूल का नेटवर्क सिर्फ एक शहर तक सीमित नहीं था। गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों में से दो दिल्ली से (जो मूल रूप से मुंबई के हैं), एक झारखंड से, एक तेलंगाना से और एक मध्य प्रदेश से है। यह दर्शाता है कि इनका नेटवर्क पैन-इंडिया था।
मध्य प्रदेश के राजगढ़ से कामरान कुरैशी और तेलंगाना के निज़ामाबाद से हुजैफा को गिरफ्तार किया गया। ये सभी युवा अपने-अपने इलाकों में नए सदस्यों को जोड़ने की फिराक में थे और इस साजिश को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे।
'होमग्रोन ऑपरेशन' का मतलब क्या है?
एडिशनल सीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक, यह एक 'होमग्रोन ऑपरेशन' था। इसका मतलब यह है कि इन लोगों को पाकिस्तान में बैठे हैंडलर ने हथियार बनाने, आईईडी तैयार करने और यहां तक कि कारतूस बनाने का काम भी खुद ही करने को कहा था। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन निर्देश दिए जा रहे थे।
हालांकि, इस तरह के ऑपरेशन का पता लगाना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि, इसमें बाहर से कोई बड़ा सामान या हथियार नहीं आता जिससे एजेंसियों को शक हो। इन सभी ने खुद ही यह सब काम करने की ट्रेनिंग ली थी जो पुलिस की जांच में सामने आया है।
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