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Delhi में सीवर सफाई के दौरान 1 मजदूर की मौत, 3 घायल - कैसे हुआ हादसा?

दिल्ली में सीवर की सफाई करते हुए दिल दहलाने वाली घटना। जहरीली गैस की चपेट में आए 4 कर्मचारी, 1 की मौत और 3 घायल। यह हादसा सुरक्षा मानकों की अनदेखी और मजदूरों की जिंदगी के प्रति लापरवाही का नतीजा है।

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Ajit Kumar Pandey
Delhi में सीवर सफाई के दौरान 1 मजदूर की मौत, 3 घायल - कैसे हुआ हादसा? | यंग भारत न्यूज

Delhi में सीवर सफाई के दौरान 1 मजदूर की मौत, 3 घायल - कैसे हुआ हादसा? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google (Demo))

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।दिल्ली के अशोक विहार में देर रात एक दुखद घटना सामने आई, जहां सीवर की सफाई कर रहे चार कर्मचारियों में से एक की दर्दनाक मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने एक बार फिर सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

जानकारी के मुताबिक, देर रात करीब 12 बजे एक अपार्टमेंट के पास यह हादसा हुआ, जब जहरीली गैस ने इन मजदूरों को अपनी चपेट में ले लिया। दिल्ली के अशोक विहार में सीवर की सफाई का काम एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ है। 

देर रात हुए इस दर्दनाक हादसे में चार सफाईकर्मी जहरीली गैस के शिकार हुए, जिनमें से एक की मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से बीमार हैं। यह घटना सुरक्षा नियमों की अनदेखी और मजदूरों की जिंदगी के प्रति लापरवाही की कड़वी सच्चाई को दर्शाती है। 

दर्दनाक हादसा: लापरवाही ने ली जान मंगलवार देर रात, जब पूरी दिल्ली सो रही थी, तब अशोक विहार के एक अपार्टमेंट के पास सीवर की सफाई का काम चल रहा था। 

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अरविंद (40), एक सफाई कर्मचारी, अपने तीन साथियों के साथ इस खतरनाक काम में जुटे थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिस सीवर को वे साफ करने उतरे थे, वही उनकी जिंदगी का अंत बन जाएगा। 

अचानक, सीवर के अंदर से निकली जहरीली गैस ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। वे मदद के लिए चीख भी नहीं पाए और दम घुटने लगा। 

अरविंद इस गैस के प्रभाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए और घटनास्थल पर ही बेहोश हो गए। उनके साथी किसी तरह बाहर निकले, लेकिन उनकी हालत भी गंभीर थी। सवालों के घेरे में सुरक्षा मानक इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

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सुरक्षा उपकरणों की कमी: अक्सर सीवर की सफाई करने वाले कर्मचारियों को बिना मास्क, दस्ताने या गैस डिटेक्टर जैसे जरूरी उपकरणों के ही काम पर लगा दिया जाता है। 

नियमों की अनदेखी: 2013 का 'मैनुअल स्कैवेंजिंग के रूप में रोजगार के निषेध और उनका पुनर्वास' अधिनियम स्पष्ट रूप से मानव द्वारा सीवर की सफाई को प्रतिबंधित करता है, फिर भी ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। 

लापरवाही का बोझ: ठेकेदार या संबंधित अधिकारी 

अक्सर मजदूरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने से बचते हैं, जिससे ऐसी दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती है। यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं है, बल्कि उस क्रूर सच्चाई का आईना है जिसमें गरीब और कमजोर तबके के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। 

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अरविंद की मौत एक वेक-अप कॉल है, जो हमें याद दिलाती है कि जब तक हम इन मजदूरों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देंगे, ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। 

सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी 

दिल्ली सरकार और संबंधित विभागों को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। 

सीवर की सफाई के लिए आधुनिक मशीनों का उपयोग अनिवार्य किया जाना चाहिए और मजदूरों को पूरी सुरक्षा के साथ काम पर लगाया जाना चाहिए। सिर्फ संवेदनाएं व्यक्त करने से कुछ नहीं होगा, ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि किसी और अरविंद को अपनी जान न गंवानी पड़े। 

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