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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसों में महिलाओं के मुफ्त सफर के नियमों में बदलाव किया गया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक जरूरी घोषणा करते हुए कहा कि अब यह सुविधा केवलदिल्ली की निवासी महिलाओं के लिए ही होगी। सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि मौजूदा पिंक टिकट व्यवस्था को हटाकर पिंक पास की सुविधा पेश की जाएगी। इससे सिर्फ दिल्ली की महिलाएं ही मुफ्त बस यात्रा का लाभ उठा सकेंगी। मुख्यमंत्री ने नंदनगरी डिपो में एक ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन के उद्घाटन के दौरान यह घोषणा की। पिंक पास योजना को लागू करने के लिए निवास प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
'सहेली स्मार्ट कार्ड' होगी शुरू
बता दें, जानकारी यह भी है कि दिल्ली सरकार महिलाओं और ट्रांसजेंडरों के लिए 'सहेली स्मार्ट कार्ड' शुरू करने जा रही है, जिससे वे दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगी। सूत्रों के अनुसार, सहेली स्मार्ट कार्ड योजना 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस पर शुरू होने की उम्मीद है। यह योजना आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू की गई 'पिंक टिकट' प्रणाली की जगह लेगी। सूत्र के अनुसार, "दिल्ली में रहने वाली 12 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाएं और ट्रांसजेंडर व्यक्ति डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगे।"
कुल 100 करोड़ पिंक टिकट जारी किए गए
आप ने 2019 में 'पिंक टिकट' योजना शुरू की थी। दिल्ली सरकार के अपने आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2023 के अंत तक महिलाओं को कुल 100 करोड़ पिंक टिकट जारी किए जा चुके थे। नवंबर 2024 तक, 150 करोड़ से ज़्यादा पिंक टिकट जारी किए जा चुके थे। बयान में कहा गया है, "2022 में, पिंक टिकटों के ज़रिए महिलाओं के लिए मुफ़्त यात्रा, एक महीने में यात्रा करने वाले कुल यात्रियों की संख्या का लगभग 32 प्रतिशत थी।" बयान में आगे कहा गया है, 2019-20 में, दिल्ली की बसों में 160 करोड़ से ज़्यादा यात्री थे। वर्ष 2020 और 2021 में कोविड के कारण, यह संख्या 2020-21 में घटकर 71 करोड़ रह गई, और 2021-22 में थोड़ा सुधार के साथ 93 करोड़ हो गई। अप्रैल 2022 से लेकर आज तक, यह संख्या लगभग 125 करोड़ तक पहुंच गई है, जो कोविड से पहले की संख्या का लगभग 75 प्रतिशत है।
डीटीसी को 70,471 करोड़ रुपये का घाटा
हालांकि, 29 मार्च को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने दावा किया था कि इस योजना का कुप्रबंधन हुआ है, और पूरे दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को भी, जिससे 70,471 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दिल्ली की मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा, "उन्होंने (आप) एक लाभदायक विभाग को घाटे में डाल दिया। डीटीसी को 70,471 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। 14,198 करोड़ रुपये का परिचालन घाटा हुआ। 814 में से केवल 468 रूटों पर ही बसें चलाई गईं।
पैसा केवल विज्ञापनों पर खर्च किया गया। केंद्र से मिले 233 करोड़ रुपये भी खर्च नहीं किए गए। पहले 4344 बसें हुआ करती थीं, लेकिन उनके कार्यकाल में यह संख्या घटकर 3937 रह गई।" मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट का हवाला दे रही थीं, जिसमें कहा गया था कि सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही के कारण दिल्ली के करदाताओं के करोड़ों रुपये बर्बाद हो गए। यह रिपोर्ट अब सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति को भेजी जा रही है, तथा उसे तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
CM Rekha Gupta