/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/05/dusu-elections-2025-09-05-07-14-52.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अगले सप्ताह होने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों -- आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी, कांग्रेस की एनएसयूआई तथा वाम समर्थित एसएफआई-आइसा गठबंधन -- ने अपने घोषणापत्र जारी कर दिए हैं, जिनमें शिक्षा, सुगम्यता और छात्र कल्याण के वादे किए गए हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने छात्रों से 5,000 से अधिक सुझाव प्राप्त करने के बाद तैयार किए गए अपने घोषणापत्र में शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, खेल और रोजगार के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
एबीवीपी का मुफ्त वाई-फाई वाद
एबीवीपी ने अपने घोषणापत्र में सब्सिडी वाले मेट्रो पास, मुफ्त वाई-फाई, स्वास्थ्य बीमा योजनाएं और दिव्यांग छात्रों के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया गया है। इसने इस बात पर भी जोर दिया कि उसका नेतृत्व पूरे वर्ष विश्वविद्यालय परिसर में काम करता है, न कि केवल चुनावों के दौरान। एबीवीपी के डूसू अध्यक्ष पद के उम्मीदवार आर्यन मान ने कहा, इन पहल के साथ हमारा लक्ष्य दिल्ली विश्वविद्यालय को एक प्रमुख वैश्विक संस्थान के रूप में स्थापित करना है।
एनएसयूआई का सस्ती शिक्षा और छात्र अधिकारों पर जोर
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के घोषणापत्र में समावेशी बुनियादी ढांचे, सस्ती शिक्षा और छात्र अधिकारों पर जोर दिया गया। इसमें सुगम्यता वाला परिसर, दिव्यांग छात्रों के लिए 5,000 रुपये का मासिक भत्ता, विश्वविद्यालय समितियों में उनका प्रतिनिधित्व और पूर्वोत्तर तथा भाषाई अल्पसंख्यक छात्रों के लिए सहायता प्रणाली का प्रस्ताव किया गया है। टिकाऊ परिसरों और अधिक सार्वजनिक वित्त पोषण के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अस्वीकार करने जैसे मुद्दे भी एनएसयूआई के घोषणापत्र में प्रमुखता से शामिल हैं। एनएसयूआई ने महिलाओं के लिए विशेष रूप से एक घोषणापत्र भी जारी किया, जिसमें सुरक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया गया तथा विशेष हेल्पलाइन, सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन, मासिक धर्म स्वास्थ्य जागरूकता अभियान और परिसर में लैंगिक संवेदनशीलता का वादा किया गया।
एसएफआई-आइसा गठबंधन का, एक सच्चा छात्र-केंद्रित घोषणा पत्र
एसएफआई-आइसा गठबंधन ने अपने एजेंडे को एक सच्चा छात्र-केंद्रित घोषणापत्र’’ बताया और फीस वृद्धि का विरोध करने, सभी कॉलेजों में आंतरिक शिकायत समितियों और लैंगिक संवेदनशीलता प्रकोष्ठों के चुनाव की वकालत करने, और समान अवसर एवं शिकायत निवारण तंत्र बहाल करने का वादा किया। इसने छात्राओं के लिए मासिक धर्म अवकाश का भी वादा किया। इसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति और चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम की तीखी आलोचना की और तर्क दिया कि मूल्यवान शिक्षण घंटों को मुख्य विषयों के बजाय कौशल संवर्धन और मूल्यवर्धित पाठ्यक्रमों में लगाया जा रहा है। डूसू चुनाव 18 सितंबर को होने हैं। DUSU elections 2025