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JNU Student Elections :जेएनयू में छात्र चुनावों से पहले झड़पें, एबीवीपी और वामपंथी समूहों के बीच आरोप-प्रत्यारोप

विश्वविद्यालय ने इस प्रक्रिया की देखरेख के लिए महीने की शुरुआत में औपचारिक रूप से एक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया था। एबीवीपी ने एक बयान में आरोप लगाया कि एक वामपंथी सदस्य ने बैठक के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी कीं

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YBN News
JNU ABVP AISA NEWS

सांकेतित तस्वीर

दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में बृहस्पतिवार को स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज की आम सभा की बैठक (जीबीएम) के दौरान तनाव फैल गया, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वाम समर्थित छात्र समूहों ने एक-दूसरे पर हिंसा और व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाया। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की तैयारी में जुटा है, जो संभवतः नवंबर में होगा। 

वामपंथी सदस्य ने बैठक के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी की

विश्वविद्यालय ने इस प्रक्रिया की देखरेख के लिए महीने की शुरुआत में औपचारिक रूप से एक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया था। एबीवीपी ने एक बयान में आरोप लगाया कि एक वामपंथी सदस्य ने बैठक के दौरान आपत्तिजनक और भेदभावपूर्ण टिप्पणी की, जिसमें कहा गया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग तथा एबीवीपी के छात्र जेएनयू में आने के योग्य नहीं हैं और उन्हें बाहर निकाल दिया जाना चाहिए। बयान में कहा गया कि जब छात्रों ने विरोध किया तो वामपंथी छात्रों ने ‘‘एक छात्रा पर हमला कर दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण बन गया। 

एबीवीपी ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश पर लगाए आरोप

एबीवीपी ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश पर कार्रवाई करने में विफल रहने और इसके बजाय बैठक को तनावपूर्ण माहौल में जारी रहने देने तथा बाद में अपने साथियों को फिर से हमला करने के लिए बुलाने का आरोप लगाया। इसने आरोप लगाया कि कई छात्रों को पीटा गया और वामपंथी छात्रों ने झूठी कहानियां फैलाना शुरू कर दिया, अपनी कमीज फाड़नी शुरू कर दी तथा खुद को पीड़ित बताने के लिए नाटक करना शुरू कर दिया। एबीवीपी ने एक अन्य बयान में कहा, जेएनयू के वामपंथियों की यही खासियत है कि जैसे ही वे वास्तविक सवालों का जवाब नहीं दे पाते, वे पीड़ित होने का कार्ड खेलना शुरू कर देते हैं।

जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने बैठक स्थगित कर दी

जीबीएम 16 घंटे तक रुकी रही और जब छात्रों ने जवाबदेही की मांग की, तो जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने बैठक स्थगित कर दी। इसमें वामपंथियों पर विश्वविद्यालय चुनाव आयोग में घुसपैठ करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘‘छिपी हुई तानाशाही’’ में बदलने का आरोप लगाया गया। वहीं, वामपंथी छात्र संगठन ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आइसा) ने दावा किया कि एबीवीपी के गुंडोंने जीबीएम को बाधित किया, सदस्यों को परेशान किया और छात्रों पर शारीरिक हमला किया। 

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आइसा ने कहा, एबीवीपी के सदस्यों ने एक महिला छात्रा का गला पकड़ लिया और कई अन्य को पीटा, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। घायल छात्रों का सफदरजंग अस्पताल में इलाज हो रहा है। इसने एबीवीपी पर आगामी जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव से पहले ‘‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतारने’’ के लिए हिंसा का सहारा लेने का आरोप लगाया। आइसा ने कहा, एबीवीपी के गुंडों ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश पर हमला किया, उनके कपड़े फाड़ दिए और जातिवादी, महिला विरोधी और इस्लाम-विरोधी टिप्पणियां कीं। JNU student elections,  JNU Protests | delhinews 



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