/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/27/HOHQox4vB6uV9nR2RjbY.jpg)
DELHI POLICE-JUSTICE VERMA CASE
Justice yashwant verma news : दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर हाल ही में हुई घटना में, दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच को तेज़ कर दिया है। पुलिस ने घटना स्थल पर मौजूद रहे अपने 8 अधिकारियों के मोबाइल फोन ज़ब्त कर लिए हैं, जिनमें तुगलक रोड थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) उमेश मलिक भी शामिल हैं। इन सभी फोनों को आगे की जांच के लिए फॉरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा गया है। ये अधिकारी और पुलिसकर्मी न्यायमूर्ति के आवास पर आग लगने की सूचना मिलने के बाद सबसे पहले पहुंचे थे।
जांच में इस बात का पता लगाया जाएगा कि क्या पुलिसकर्मियों ने घटना का कोई वीडियो बनाया था और यदि हां, तो क्या उसमें किसी तरह की छेड़छाड़ की गई है। इसके अतिरिक्त, सभी पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
उच्च अधिकारियों की टीम ने किया आवास का दौरा
नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (DCP) देवेश महला के नेतृत्व में एक टीम ने न्यायमूर्ति वर्मा के आवास का निरीक्षण किया और वहां तैनात कर्मचारियों से पूछताछ की। यह दौरा भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) द्वारा गठित तीन न्यायाधीशों की एक समिति द्वारा की जा रही आंतरिक जांच का हिस्सा था।
जांच टीम के साथ वीडियोग्राफर भी थे, जिन्होंने पूरे परिसर और विशेष रूप से उस कमरे का निरीक्षण किया, जहां कथित रूप से नकदी मिली थी। कमरे की दीवारों पर दरारें इस बात का संकेत देती हैं कि आग काफी गंभीर थी।
पुलिस आने वाले दिनों में अन्य पुलिसकर्मियों और अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों से भी पूछताछ कर सकती है।
मामले का संक्षिप्त विवरण
न्यायमूर्ति वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के भंडार कक्ष में 14 मार्च को आग लग गई थी। उस समय न्यायमूर्ति वर्मा मध्य प्रदेश में थे। आग बुझाने के बाद, अग्निशमन और पुलिस कर्मियों को घर से भारी मात्रा में नकदी मिली। इस घटना की जानकारी मिलने पर, सीजेआई ने एक बैठक बुलाई और न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद कर दिया। न्यायमूर्ति वर्मा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने या उनके परिवार ने भंडार कक्ष में नकदी नहीं रखी थी।