नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । दिल्ली की सियासत में इन दिनों सिर्फ एक ही चर्चा है - आम आदमी पार्टी (AAP) के दिग्गज नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर कथित 'क्लासरूम घोटाला' मामले में लगे आरोप। हर दिन नए मोड़ ले रही। आज शुक्रवार 20 जून 2025 को 'AAP' नेता आतिशी मार्लेना ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने इस केस को "भाजपा द्वारा दायर किए गए झूठे मामलों की एक और कड़ी" बताया है। आतिशी ने साफ शब्दों में कहा कि पिछले 10 सालों से, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ED, CBI, आयकर विभाग और दिल्ली पुलिस जैसी विभिन्न एजेंसियों के जरिए लगातार 'AAP' नेताओं को निशाना बना रही है।
सिसोदिया पर 'वार', AAP पर 'प्रहार'?
दिल्ली की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप कोई नई बात नहीं है, लेकिन पिछले कुछ समय से जिस तरह से आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा लगातार निशाना बनाया जा रहा है, वह कई सवाल खड़े करता है। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर कथित 'क्लासरूम घोटाला' मामले में चल रही जांच इसी कड़ी का एक और अध्याय है। 'AAP' नेताओं का दावा है कि ये सभी मामले मनगढ़ंत और राजनीति से प्रेरित हैं, जिनका मकसद 'AAP' को कमजोर करना है।
10 साल, अनगिनत मामले: क्या है भाजपा का 'गेम प्लान'?
'AAP' नेता आतिशी ने आज शुक्रवार 20 जून 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि पिछले एक दशक से, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सुनियोजित तरीके से 'AAP' के खिलाफ ED, CBI, आयकर विभाग और दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल किया है। उनके अनुसार, ये सभी एजेंसियां भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं। आतिशी ने सवाल उठाया कि अगर इन मामलों में जरा भी सच्चाई होती, तो अब तक कुछ तो साबित होता। लेकिन, हर बार सिर्फ आरोप लगते हैं, गिरफ्तारियां होती हैं, और फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है या कोर्ट से राहत मिल जाती है।
क्या यह सिर्फ संयोग है कि जब भी 'AAP' किसी राज्य में मजबूत होती है या चुनाव नजदीक आते हैं, तो उसके नेताओं पर नए-नए मामले दर्ज हो जाते हैं? मनीष सिसोदिया का मामला भी ऐसे ही समय में सामने आया है, जब दिल्ली में आगामी चुनावों की सरगर्मियां तेज हो रही हैं। 'AAP' का आरोप है कि यह उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर भाजपा द्वारा रची गई एक साजिश है।
'क्लासरूम घोटाला' बनाम शिक्षा क्रांति: सच क्या है?
'AAP' का कहना है कि मनीष सिसोदिया दिल्ली की शिक्षा क्रांति का जनक हैं। उनके नेतृत्व में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अभूतपूर्व सुधार हुए, जिसकी तारीफ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई। ऐसे में उन पर 'क्लासरूम घोटाला' जैसे आरोप लगना कई लोगों को हैरान कर रहा है। 'AAP' का कहना है कि ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में हुए सुधारों को बदनाम करने की साजिश है।
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ये वाकई कोई घोटाला है, या फिर राजनीतिक विद्वेष का नतीजा? केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं, खासकर तब जब उन्हें विपक्षी नेताओं के खिलाफ लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है। क्या इन एजेंसियों की विश्वसनीयता दांव पर लगी है?
भविष्य की राजनीति पर क्या होगा असर?
मनीष सिसोदिया पर लगे इन आरोपों का दिल्ली और राष्ट्रीय राजनीति पर गहरा असर पड़ सकता है। अगर 'AAP' अपने नेताओं पर लगे आरोपों को झूठा साबित करने में सफल रहती है, तो इससे पार्टी की छवि और मजबूत होगी। वहीं, अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो 'AAP' को बड़ा झटका लग सकता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह मामला क्या मोड़ लेता है। क्या केंद्रीय एजेंसियां कोई ठोस सबूत पेश कर पाएंगी, या फिर ये मामले भी पुराने आरोपों की तरह ही बेनतीजा रहेंगे? फिलहाल, दिल्ली की सियासत में तूफान आया हुआ है और मनीष सिसोदिया का नाम एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है।
क्या आपको लगता है कि ये मामले राजनीतिक साजिश हैं, या इनमें वाकई कोई सच्चाई है? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं!
atishi marlena |