नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । दिल्ली पुलिस ने वजीरपुर और नई सब्जी मंडी इलाकों में एक अभियान के दौरान 66 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है, जिनमें 20 पुरुष, 16 महिलाएं और 30 बच्चे शामिल हैं। एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार 9 जून 2025 को बताया कि हिरासत में लिए गए ये लोग 11 परिवारों से हैं और राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे थे।
इस अभियान के पीछे एक गुप्त सूचना मिली थी। पुलिस के अनुसार, ये विदेशी नागरिक हाल ही में हरियाणा के नूंह (पूर्व में मेवात) से यहां आए थे, जहां वे ईंट भट्टों पर काम करते थे। अवैध प्रवास पर बढ़ती कार्रवाई और मीडिया की जांच के कारण यह कदम उठाया गया।
दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी इलाके से पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में 66 अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है। ये लोग बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे। इस रेड से दिल्ली में अवैध प्रवासियों के नेटवर्क पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठ एक बार फिर सुर्खियों में है। उत्तर पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई और आसपास के इलाकों में छापेमारी के दौरान 66 अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई नॉर्थ-वेस्ट जिले की पुलिस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने मिलकर की।
इन सभी पर आरोप है कि ये बगैर किसी वैध दस्तावेज के भारत में घुसे और दिल्ली में वर्षों से छिपकर रह रहे थे। इनमें कई लोग दिहाड़ी मजदूरी, रिक्शा चलाने और घरेलू काम में लगे हुए थे।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस को लगातार इन इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। इसके बाद IB, FRRO (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय), दिल्ली पुलिस और स्थानीय एजेंसियों की मदद से एक संयुक्त टीम बनाई गई।
इस टीम ने नांगलोई, सुल्तानपुरी, प्रेमनगर और मंगोलपुरी जैसे इलाकों में रेड की। रेड के दौरान अलग-अलग झुग्गियों, रेंटल कमरों और निर्माण स्थलों पर छिपे 66 लोगों को हिरासत में लिया गया।
इन लोगों के पास न तो पासपोर्ट थे और न ही भारत में रहने का कोई वैध परमिट।
इनमें से अधिकतर बांग्लादेशी नागरिक लंबे समय से दिल्ली में रह रहे थे। कुछ ने भारतीय नामों से फर्जी दस्तावेज भी बनवा रखे थे, जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड आदि।
इससे यह आशंका और गहरी होती है कि कहीं ये लोग किसी बड़े नेटवर्क या स्लीपर सेल का हिस्सा तो नहीं? जांच एजेंसियां फिलहाल इसी दिशा में तफ्तीश कर रही हैं।
हिरासत में लिए गए सभी 66 लोगों को डिटेंशन सेंटर भेजा गया है। दिल्ली पुलिस ने FRRO को इस बाबत पूरी जानकारी सौंप दी है।
अगर जांच में यह प्रमाणित हो गया कि ये लोग अवैध रूप से भारत में रह रहे थे, तो जल्द ही इन सभी को निर्वासित (डिपोर्ट) किया जाएगा।
यह कोई पहला मामला नहीं है। दिल्ली के सीमावर्ती और औद्योगिक इलाकों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
ऐसे लोग आमतौर पर पहचान छिपाकर मजदूरी करते हैं और धीरे-धीरे भारत में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश करते हैं।
यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से एक बेहद गंभीर मामला है।
एक ओर दिल्ली पुलिस को इन अवैध प्रवासियों को पकड़ना है, दूसरी ओर मानवीय अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी ध्यान रखना पड़ता है।
इस बीच, बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है।
क्या आपको लगता है कि दिल्ली में लगातार बढ़ रही बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर सरकार को और कड़े कदम उठाने चाहिए? क्या यह सुरक्षा का बड़ा खतरा है?
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