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15 से अधिक छात्राओं के आरोप पर यौन उत्पीड़न का केस दर्ज, कौन है स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती?

दिल्ली के वसंत कुंज में इंस्टीट्यूट डायरेक्टर ने 15 से अधिक छात्राओं से छेड़छाड़ की। आरोपी की आगरा में लोकेशन मिल रही है। पुलिस ने उसकी लग्जरी वॉल्वो कार भी जब्त की, जिस पर फर्जी UN नंबर प्लेट लगी थी।

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Ajit Kumar Pandey
Chaitanyananda Saraswati

Chaitanyananda Saraswati Photograph: (X.com)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान में उस समय हड़कंप मच गया जब निदेशक पद संभाल रहे स्वयंभू साधु स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का संगीन मामला सामने आया। छात्राओं के गंभीर आरोपों के आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

सरस्वती पर आरोप है कि उन्होंने संस्थान में पढ़ रही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं का मानसिक और शारीरिक शोषण किया। कई छात्राओं ने बयान देते हुए बताया कि आरोपी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता था, आपत्तिजनक संदेश भेजता था और कई बार अनचाहा शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश करता था। 

यह भी खुलासा हुआ कि संस्थान के कुछ कर्मचारी छात्राओं पर दबाव डालते थे कि वे आरोपी की मांगों को नकारें नहीं। फिलहाल आरोपी फरार बताया जा रहा है और पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। जांच के दौरान एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि आरोपी की वोल्वो कार से नकली राजनयिक नंबर प्लेट “39 UN 1” बरामद हुई। इस मामले में अलग से एफआईआर दर्ज की गई है। 

इस पूरे घटनाक्रम ने संस्थान की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, श्री शारदा पीठम, श्रींगेरी ने तुरंत उससे अपने सभी रिश्ते तोड़ते हुए उसके कार्यों को “ग़ैरकानूनी और अनुचित” करार दिया है। पुलिस ने 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें से 17 ने स्पष्ट रूप से उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। मामला अभी जांच के अधीन है और आरोपी की गिरफ्तारी का इंतजार है।

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हिंदुस्तान टाइम्स ने एएनआई के हवाले से बताया है कि दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में एक नामी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर पर 15 से ज्यादा छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन छात्राओं ने बहादुरी से आगे बढ़कर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि आगरा के पास उसका लोकेशन मिल रहा है। पुलिस ने आरोपी की एक महंगी लाल वॉल्वो कार भी जब्त की है, जिस पर जाली '39 यूएन 1' नंबर प्लेट लगी थी।

मामले का कैसे हुआ खुलासा? 

जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि आरोपी वसंत कुंज में एक इंस्टीट्यूट का डायरेक्टर था। कई छात्राओं ने अपने माता-पिता को बताया कि डायरेक्टर उन्हें अनुचित तरीके से छूता था और गलत व्यवहार करता था। शुरुआत में छात्राओं को डर था कि उनके साथ कोई विश्वास नहीं करेगा, लेकिन एक-दो छात्राओं की हिम्मत ने दूसरों को भी बोलने के लिए प्रेरित किया। 

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शिकायत दर्ज: करीब 15 छात्राओं ने एकजुट होकर वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। 

धाराएं: पुलिस ने छात्राओं के बयानों के आधार पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 183 के तहत मामला दर्ज किया। 

फरार डायरेक्टर की तलाश और गिरफ्तारी 

शिकायत दर्ज होने के बाद से ही आरोपी डायरेक्टर फरार बताया जा रही है। पुलिस उसकी तलाश शुरू कर दी है। आगरा में उसका लोकेशन बताया जा रहा है। 

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दक्षिण-पश्चिम के डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि आरोपी की लोकेशन आगरा के पास मिल रही है और उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम दबिश दे रही है। पुलिस को इस दौरान एक बड़ी चौंकाने वाली जानकारी मिली। आरोपी की एक लग्जरी लाल वॉल्वो कार मिला है जिस पर '39 यूएन 1' नंबर प्लेट लगी हुई थी। 

पुलिस ने जब इस नंबर की जांच की तो पता चला कि यह फर्जी है और संयुक्त राष्ट्र ने ऐसा कोई नंबर जारी नहीं किया है। यह नंबर प्लेट आरोपी ने खुद बनवाई थी जिसका इस्तेमाल वह लोगों पर धौंस जमाने के लिए करता था।  

इंस्टीट्यूट का बड़ा एक्शन 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, "स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्हें पहले स्वामी (डॉ.) पार्थसारथी के नाम से जाना जाता था, ऐसी गतिविधियों में लगे हुए हैं जो अवैध, अनुचित और श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम। श्रृंगेरी (पीठम) के हितों के लिए हानिकारक हैं।

परिणामस्वरूप, पीठम ने उनके साथ सभी संबंध तोड़ दिए हैं। पीठम ने स्वामी चैतन्यानंद द्वारा किए गए अवैध कृत्यों के बारे में संबंधित अधिकारियों के पास शिकायतें भी दर्ज कराई हैं। सरस्वती..,'' श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम, श्रृंगेरी कहते हैं।

इंस्टीट्यूट ने आरोपी डायरेक्टर को उसके पद से हटा दिया है और पुलिस जांच में पूरा सहयोग कर रहा है। इससे पहले, आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसे बाद में उसने खुद ही वापस ले लिया। इससे उसके इरादों पर शक और गहरा हो गया। 

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