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नोएडा टोल ब्रिज कंपनी को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत, प्राधिकरण के 100 करोड़ भुगतान संबंधी निर्देश पर रोक

 दिल्ली हाई कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण द्वारा जारी मांग पत्र के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है, जिसमें डीएनडी फ्लाईवे के डेवलपर नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड से कथित विज्ञापन लाइसेंस शुल्क के रूप में 100 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। 

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Mukesh Pandit
DND Toll Buth

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।दिल्ली हाई कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण द्वारा जारी मांग पत्र के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है, जिसमें डीएनडी फ्लाईवे के डेवलपर नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड से कथित विज्ञापन लाइसेंस शुल्क के रूप में 100 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) के आउटडोर विज्ञापन विभाग द्वारा जारी पत्र पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें कथित तौर पर दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) फ्लाईवे पर याचिकाकर्ता द्वारा प्रदर्शित विज्ञापनों को हटाने के लिए भी कहा गया था। 

डीएनडी फ्लाईवे के डेवलपर को विज्ञापन प्रदर्शित करने का अधिकार

न्यूज पोर्टल लाइव लॉ के अनुसार, अदालत ने 25 सितंबर के अपने आदेश में कहा, प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता को विज्ञापन प्रदर्शित करने का अधिकार है और सुविधा का संतुलन याचिकाकर्ता के पक्ष में है। यदि याचिकाकर्ता को अंतरिम आदेश नहीं दिए जाते हैं, तो इससे याचिकाकर्ता को अपूरणीय क्षति हो सकती है, जिसकी भरपाई धन के रूप में नहीं की जा सकती। अदालत ने कहा कि 10 सितंबर के पत्र को लेकर अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

नोएडा प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय अब इस मामले पर अगली सुनवाई 16 जनवरी 2026 को करेगा। नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (एनटीबीसीएल) द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया कि प्रतिवादी ने उसे डीएनडी फ्लाईवे के नोएडा की ओर एक निश्चित दर पर आउटडोर विज्ञापन प्रदर्शित करने का अधिकार दिया गया था। उसने दलील दी कि बाद की तारीखों में दर बढ़ा दी गई जिसका नियमित रूप से भुगतान किया गया। 

नोएडा प्राधिकरण ने  नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन किया

याचिका में दावा किया गया कि 10 जनवरी को नोएडा प्राधिकरण ने  नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए एक अप्रैल, 2024 से विज्ञापन के लिए लाइसेंस शुल्क में पूर्वव्यापी रूप से वृद्धि की है, और अब बकाया के रूप में 100 करोड़ रुपये की मांग की है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 26 अक्टूबर 2016 को याचिकाकर्ता कंपनी को डीएनडी फ्लाईवे पर टोल वसूलने से रोक दिया था। इस फैसले को दिसंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था।   greater noida | Noida | Noida Development | noida news | Noida Toll Bridge Company 

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