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कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी में फिर से झाग उभरे, सफाई के लिए PM Modi ने की हाई लेवल मीटिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यमुना नदी की सफाई को लेकर एक अहम बैठक की, इस दौरान यमुना को फिर से जीवंत बनाने पर चर्चा की गई। बैठक में जन भागीदारी, आधुनिक तकनीक और साफ-सफाई की मौजूदा योजनाओं की समीक्षा की गई। 

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Pratiksha Parashar
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Photograph: (File)

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नई दिल्ली, वाईवीएन नेटवर्क। राष्ट्रीय राजधानी के कालिंदी कुंज के पास शुक्रवार को यमुना नदी में झाग की एक परत देखी गई, जिससे नदी में भारी प्रदूषण की ओर फिर से ध्यान गया है। विशेषज्ञों ने कहा कि नदी की सतह पर झाग बार-बार होने वाली समस्या है, क्योंकि जलमल और औद्योगिक अपशिष्ट जल में मौजूद जहरीले रसायन अनियंत्रित रूप से इसमें बह रहे हैं। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यमुना नदी की सफाई को लेकर एक अहम बैठक की, इस दौरान यमुना को फिर से जीवंत बनाने पर चर्चा की गई। बैठक में जन भागीदारी, आधुनिक तकनीक और साफ-सफाई की मौजूदा योजनाओं की समीक्षा की गई। 

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झाग के बीच पूजा करते श्रद्धालु।  (File)

कैसे बनता है पानी में झाग

दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की गुणवत्ता नियंत्रण शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदूषक घुले हुए कार्बनिक पदार्थों जैसे जलकुंभी, पत्तियों और अन्य जंगली घास के साथ जमा होने के कारण पानी में झाग बनता है। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल, हमारे पास कालिंदी कुंज में झाग रोधी उपाय करने के लिए कोई निर्देश नहीं है।’’ पर्यावरण कार्यकर्ता भीम सिंह रावत ने कहा, ‘‘यमुना में झाग की समस्या एक चिरस्थायी मुद्दा बन गई है, जिसका मुख्य कारण पिछले वर्ष नदी के ऊपरी बेसिन में कम मानसूनी बारिश और इस वर्ष शीतकाल तथा मानसून-पूर्व मौसम में कम वर्षा होना है। हालांकि दिल्ली में यमुना नदी की सफाई के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सीएम रेखा गुप्ता ने यमुना सफाई के लिए 3 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मंजूर की है।
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यमुना नदी और प्रदूषण की समस्या

उत्तराखंड के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली यमुना नदी 1,376 किलोमीटर की यात्रा तय करती है और प्रयागराज में गंगा नदी के साथ मिल जाती है। यमुना नदी न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लाखों लोगों के लिए पीने का पानी, सिंचाई और आजीविका का स्रोत भी है। दिल्ली में यमुना नदी की लंबाई का केवल 2% हिस्सा बहता है, लेकिन यही हिस्सा नदी को 76% तक प्रदूषित करता है। दिल्ली में 65,000 झुग्गियाँ नदी के किनारे बसी हैं, जिनमें करीब 4 लाख लोग रहते हैं। इन क्षेत्रों से निकलने वाला अनुपचारित सीवेज सीधे नदी में जाता है। इसके अलावा, शहर के कई नाले, जैसे नजफगढ़ नाला, यमुना में गंदा पानी डालते हैं। 

यमुना की सफाई के लिए बना प्लान

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जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यमुना की सफाई सिर्फ योजनाओं से नहीं, बल्कि सही आंकड़ों और तकनीक के इस्तेमाल से ही संभव होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि नालों में कितना गंदा पानी बह रहा है, इसका डेटा इकट्ठा किया जाए। जल शोधन संयंत्र (STP) कैसे काम कर रहे हैं, उसकी निगरानी हो। इसके लिए स्पेस टेक्नोलॉजी (अंतरिक्ष तकनीक) का भी इस्तेमाल हो सकता है। बैठक में तय हुआ कि यमुना को साफ करने के लिए तीन स्तरों पर काम होगा....

अल्पकालिक (3 महीने तक) – नालों की सफाई, कचरा हटाना

मध्यम अवधि (3 महीने से डेढ़ साल) – जल शोधन संयंत्रों की स्थिति सुधारना

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दीर्घकालिक (डेढ़ साल से 3 साल) – नदी तटों का विकास, हरियाली बढ़ाना, जल प्रवाह सुधारना

छठ पूजा के अनुभव को बेहतर बनाने पर ज़ोर

पीएम मोदी ने खासतौर पर इस बात पर ज़ोर दिया कि दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए छठ पूजा का अनुभव बेहतर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यमुना सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि वहां के लोगों की जिंदगी का हिस्सा होनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि लोगों का यमुना से भावनात्मक रिश्ता बने।

दिल्ली सरकार के साथ काम करेगी केंद्र सरकार

यमुना पुनरुद्धार के विषय पर आयोजित बैठक में पीएम मोदी के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता और अन्य लोग शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यमुना की सफाई और पुनरुद्धार के साथ-साथ दिल्ली में पेयजल संबंधी मुद्दों पर कल एक बैठक की अध्यक्षता की। केंद्र सरकार दिल्ली के भाइयों एवं बहनों के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और ‘जीवन की सुगमता’ सुनिश्चित करने के लिए राजधानी की सरकार के साथ मिलकर काम करेगी।’’ pm modi | CM Rekha Gupta | cleaning of yamuna river 

नई शहरी नदी प्रबंधन योजना बनेगी

बैठक में यह भी तय हुआ कि दिल्ली एक नई शहरी नदी प्रबंधन योजना बनाएगी, जिसे शहर के मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा। इससे यमुना की सफाई और जल प्रबंधन को एक नई दिशा मिलेगी। निगरानी उपायों, यमुना नदी में प्रवाह में सुधार, बाढ़ संभावित मैदानी क्षेत्रों की सुरक्षा, हरित नदी तट विकास और सार्वजनिक पहुंच पर विशिष्ट समयसीमा के साथ चर्चा की गई। बयान में कहा गया कि अपशिष्ट जल शोधन, बुनियादी ढांचे की वर्तमान स्थिति और यमुना नदी की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले शासन संबंधी मुद्दों को प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

यमुना की सफाई के लिए विस्तृत योजना- सीएम रेखा गुप्ता 

बैठक को लेकर सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यमुना नदी की सफाई के लिए सभी कामों पर चर्चा हुई। यमुना को साफ रखने के लिए विस्तृत प्लान पर काम चल रहा है। यमुनोत्री, जहां से यमुना निकलती है और जहां जाकर प्रयागराज में खत्म होती है, उसके लिए विस्तृत योजना बनाकर काम की तैयारी है।

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