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Delhi में चीनी विदेश मंत्री का विरोध : तिब्बती युवाओं का गुस्सा क्यों?

दिल्ली में चीनी विदेश मंत्री के दौरे का तिब्बती युवाओं ने विरोध किया। हैदराबाद हाउस के पास जुटे प्रदर्शनकारियों ने ‘तिब्बत की आज़ादी’ के नारे लगाए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

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Ajit Kumar Pandey
Delhi में चीनी विदेश मंत्री का विरोध : तिब्बती युवाओं का गुस्सा क्यों? | यंग भारत न्यूज

Delhi में चीनी विदेश मंत्री का विरोध : तिब्बती युवाओं का गुस्सा क्यों? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज मंगलवार 19 अगस्त 2025 को दिल्ली में चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा का तिब्बती युवा कांग्रेस (TYC) के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया। हैदराबाद हाउस के पास जुटे प्रदर्शनकारियों ने 'तिब्बत पर चीन का कब्ज़ा बंद करो' और 'वापस जाओ, वांग यी' जैसे नारे लगाए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर तिब्बत की आज़ादी के मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है।

यह विरोध प्रदर्शन भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीदों के बीच हुआ, खासकर जब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद अभी भी पूरी तरह से सुलझा नहीं है। तिब्बती युवा कांग्रेस का कहना है कि वे इस दौरे से खुश नहीं हैं और चीन द्वारा तिब्बत में किए जा रहे मानवाधिकारों के हनन को दुनिया के सामने लाना चाहते हैं। उनका आरोप है कि चीन ने तिब्बत में सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता को दबा रखा है।

विरोध का कारण: तिब्बत की आज़ादी की लड़ाई

तिब्बती युवा कांग्रेस (TYC) दशकों से तिब्बत की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही है। उनका मानना है कि चीन ने 1950 में तिब्बत पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया था। इस संगठन का मुख्यालय धर्मशाला में है और यह दुनिया भर में फैले तिब्बती शरणार्थियों के सबसे बड़े समूहों में से एक है।

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मानवाधिकारों का हनन: TYC का दावा है कि तिब्बत में चीन की सरकार मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है।

सांस्कृतिक दमन: चीनी सरकार तिब्बती भाषा, धर्म और संस्कृति को मिटाने की कोशिश कर रही है।

दलाई लामा का मुद्दा: तिब्बती लोग अपने आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की वापसी और पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं।

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई: विरोधियों को हिरासत में क्यों लिया गया?

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दिल्ली पुलिस ने हैदराबाद हाउस के आसपास धारा 144 लागू कर रखी थी। यह इलाका एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र है, जहाँ विदेशी नेताओं की बैठकें होती हैं। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी बिना अनुमति के यहां जमा हुए थे और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। इसलिए, उन्हें हिरासत में लिया गया। पुलिस की कार्रवाई पर TYC ने आपत्ति जताई है, लेकिन दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए यह कदम जरूरी माना गया।

भारत और चीन के संबंध: क्या होगा आगे?

चीनी विदेश मंत्री वांग यी का यह दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण था। यह 2020 में गलवान घाटी की झड़प के बाद किसी भी चीनी विदेश मंत्री का पहला भारत दौरा था। भारत और चीन के बीच संबंधों को सामान्य करने के लिए बातचीत चल रही है। हालांकि, तिब्बती युवाओं के इस विरोध ने एक बार फिर भारत के लिए इस संवेदनशील मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की चुनौती खड़ी कर दी है।

यह विरोध प्रदर्शन भले ही छोटा था, लेकिन इसने एक बड़ा संदेश दिया है कि तिब्बत का मुद्दा अभी भी जीवित है और तिब्बती युवा अपनी आज़ादी की लड़ाई जारी रखेंगे।

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