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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर के वाहन मालिकों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने आदेश दिया है कि 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों के खिलाफ फिलहाल कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली सरकार पुरानी गाड़ियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को तत्काल रोक दे। कोर्ट अब इस मामले पर 4 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।
पुरानी गाड़ियों पर लगे बैन को दी गई थी चुनौती
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने यह फैसला तब सुनाया जब दिल्ली सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से अपील की कि इस मामले में अभी कोई दंडात्मक कदम न उठाया जाए। बता दें कि दिल्ली सरकार ने 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों के खिलाफ कोई जबरन या दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का फैसला सुनाया है। यह फैसला दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें पुरानी गाड़ियों पर लगे बैन को चुनौती दी गई थी।
दिल्ली और केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस
कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और 4 हफ्तों में जवाब मांगा। CJI गवई ने कहा- तब तक 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों के खिलाफ उनकी गाड़ियों की उम्र के आधार पर कोई जबरन कार्रवाई नहीं होगी। इसके साथ ही कोई दंडात्मक कार्रवाई भी नहीं की जाएगी। CJI ने यह भी टिप्पणी की, 'पहले कारें 40-50 साल तक चलती थीं। अब भी विंटेज कारें हैं।'
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