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Delhi: अरविंद केजरीवाल के बाद नई शराब नीति लाने की तैयारी में रेखा गुप्ता सरकार, जानिए क्या है पूरा प्लान?

अरविंद केजरीवाल की आबकारी नीति इतने विवादों में रही कि उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा। अब दिल्ली की भाजपा सरकार नई आबकारी नीति लाने की तैयारी में है।

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Pratiksha Parashar
CM rekha gupta , new excise policy
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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अरविंद केजरीवाल की आबकारी नीति इतने विवादों में रही कि उन्हें जेल जाना पड़ा, इतना ही नहीं सत्ता से हाथ धोना पड़ा। अब दिल्ली की भाजपा सरकार नई आबकारी नीति लाने की तैयारी में है। इसका मकसद राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देना है। सूत्रों के मुताबिक, आबकारी विभाग ने इस नीति का मसौदा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है।

नई आबकारी नीति का मकसद क्या है? 

जानकारी के मुताबिक, नई शराब नीति में मौजूदा शुल्क-आधारित मॉडल की कुछ खास बातें शामिल की गई हैं, लेकिन इसके साथ ही उद्योग जगत को बराबरी के अवसर देने के लिए कुछ अहम बदलावों का भी प्रस्ताव भी रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक, सीएम रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दिल्ली में शराब की तस्करी पर लगाम लगे और सरकार को अधिक से अधिक राजस्व मिले। सीएम ने यह भी कहा कि उनकी सरकार एक "पारदर्शी और प्रभावी" आबकारी नीति लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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मौजूदा नीति को तीन महीने के लिए बढ़ाया

दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने 1 अप्रैल से मौजूदा आबकारी नीति को तीन महीने के लिए आगे बढ़ा दिया है। यह वही नीति है जिसे पिछली आम आदमी पार्टी सरकार ने सितंबर 2021 में लागू किया था। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार में आबकारी नीति को लेकर घोटाले समेत गंभीर आरोप लगे थे। 

अरविंद केजरीवाल पर आरोप और CAG रिपोर्ट

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आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाना पड़ा था। इसके बाद भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल को घोटालेबाज बताया, जिसका असर चुनावों में भी देखने को मिला। आम आदमी पार्टी को सत्ता गंवा दी।  भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही आबकारी नीति पर CAG रिपोर्ट पेश की। कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस नीति के कारण दिल्ली सरकार को लगभग ₹2,000 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में नियमों के उल्लंघन और नीति निर्माण में विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों की अनदेखी की बात सामने आई है। 

राजधानी में 700 से अधिक शराब की दुकानें

फिलहाल दिल्ली में 700 से अधिक शराब की दुकानें हैं। इसके अलावा करीब 900 होटल, क्लब और रेस्तरां हैं, जहां शराब परोसी जाती है। इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनियों की संस्था "कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज" के महानिदेशक अनंत एस अय्यर ने सुझाव दिया है कि सरकार को उन इलाकों में दुकानों की संख्या बढ़ानी चाहिए, जहां अभी विकल्प कम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के तौर पर दिल्ली में उपभोक्ताओं को शराब खरीदते समय बेहतर अनुभव मिलना चाहिए। पॉश इलाकों में प्रीमियम ब्रांड्स के लिए आधुनिक और आकर्षक दुकाने और भारतीय ब्रांड्स के पंजीकरण शुल्क में भी कटौती करने का भी सुझाव भी दिया गया। 

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