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Delhi Government के बेलगाम अफसर, सांसदों और विधायकों की नहीं सुनते, ना फोन उठाते हैं...

दिल्ली में सरकारी अफसरों की मनमानी का सिलसिला नई सरकार के गठन के बाद भी नहीं बदला है। लगता है कि जिस तरह पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार अधिकारियों से समन्वय नहीं होने की गंभीर समस्या से जूझ रही है...

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Mukesh Pandit
speekar vijendar gupta

Photograph: (File)

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

दिल्ली में सरकारी अफसरों की मनमानी का सिलसिला नई सरकार के गठन के बाद भी नहीं बदला है। लगता है कि जिस तरह पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार अधिकारियों से समन्वय नहीं होने की गंभीर समस्या से जूझ रही है, इसी स्थिति का सामना अब भाजपा के विधायकों और मंत्रियों को भी करना पड़ रहा है। अफसर, सांसदों और विधायकों के पत्रों, फोन कॉल और संदेश का जवाब तक नहीं दे रहे हैं। इसकी शिकायत विधायकों ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता से की है। यह वजह है कि अब विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर ऐसा नहीं करने वाले अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कारवाई करने को कहा है।   

अफसरों के खिलाफ विधायकों की शिकायतों के अंबार

बता दें कि दिल्ली में सरकार गठन के बाद ही भाजपा के विधायकों को सबसे बड़ी यही शिकायत है कि अधिकारी ना को उनके पत्रों का जवाब ही देते हैं और न फोन कॉल रिसीव करके कोई रिस्पांस दे रहे हैं। ऐसे में आम लोगों की समस्याओं को निदान कराने में दिक्कत हो रही है। अफसरों के खिलाफ शिकायतों की बाढ़ सी आ गई है। याद दिला दें कि दिल्ली की पिछली आम आदमी पार्टी सरकार भी अधिकारियों  के साथ तालमेल के अभाव की समस्या से जूझती रही थी। उसके विधायक यहां तक मंत्री तक सार्वजनिक तौर पर यह शिकायत करते सुन जा सकते थे कि अफसर उनकी बातें नहीं सुन रहे हैं।

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विस अध्यक्ष को देना पड़े हैं निर्देश

इस बीच विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को सांसदों और विधायकों के पत्रों, फोन कॉल और संदेश का तुरंत जवाब देने का निर्देश दिया और ऐसा न करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी।गुप्ता ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को लिखे पत्र में कहा था कि उन्हें बताया गया है कि कुछ अधिकारी विधायकों से पत्र, फोन कॉल और संदेश के रूप में प्राप्त संचार को स्वीकार भी नहीं करते हैं। दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया, ‘मुख्य सचिव ने मामले को गंभीरता से लिया है।’ 

सांसदों व विधायकों के प्रोटोकाल का ध्यान रखें

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पत्र में कहा गया है कि सरकार ने विधायकों और सांसदों के साथ व्यवहार करते समय अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल के संबंध में व्यापक निर्देश जारी किए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (जीएडी) नवीन कुमार चौधरी द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि निर्देशों का अक्षरशः सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसा कोई मौका नहीं दिया जाना चाहिए, जब विधायकों या सांसदों को ऐसी शिकायतें करने के लिए बाध्य होना पड़े। इन निर्देशों का पालन न करने पर उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और संबंधित अधिकारी के मूल्यांकन में यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।

विजेंद्र गुप्ता ने जताई नाराजगी

उल्लेखनीय है कि सरकार में जमे कुछ शीर्ष अधिकारी भाजपा के सत्ता में आ जाने के बाद भी विधायकों को अहमियत नहीं दे रहे हैं। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं कि अधिकारियों ने विधायकों के पत्रों का जवाब देना तो दूर उनके फोन तक नहीं उठाए। इससे नाराज होकर विधायकों ने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता से शिकायत की है। विधानसभा अध्यक्ष ने कई उदाहरण दिए। जहां विधायकों के पत्र, फोन कॉल और संदेशों का संबंधित अधिकारियों ने जवाब नहीं दिया। इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग और भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देश का सख्ती से पालन करने की जरूरत पर बल दिया।

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