/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/07/delhi-assembly-in-atishi-marlena-2025-08-07-12-12-47.jpg)
...और जब स्पीकर ने आतिशी को बाहर निकालने का दिया आदेश | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज गुरुवार 7 अगस्त 2025 को दिल्ली विधानसभा का सत्र जैसे ही शुरू हुआ तो आम आदमी पार्टी की नेत्री और पूर्व सीएम आतिशी मार्लेना ने जोर जोर से नारेबाजी और भाषण देना शुरू कर दिया। स्पीकर के कहने के बाद भी जब वह शांत नहीं हुईं तब आतिशी को स्पीकर विजेंद्र गुप्ता के आदेश पर सदन से बाहर निकालना पड़ा। यह घटनाक्रम न सिर्फ चौंकाने वाला था, बल्कि इसने कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। आखिर क्या हुआ था कि एक अनुभवी विधायक को इस तरह से बाहर निकालने की नौबत आ गई? इस पूरे मामले ने दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, और इसके पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है।
दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को चल रहा सत्र अचानक तनावपूर्ण हो गया। सदन के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक आतिशी को सदन से बाहर निकालने का आदेश दे दिया, जब वह लगातार सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रही थीं। गुप्ता ने मार्शलों को बुलाकर आतिशी को बाहर ले जाने के लिए कहा। इस घटना ने सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह हलचल मचा दी।
विजेंद्र गुप्ता और आतिशी: पुरानी दुश्मनी का नया अध्याय
यह घटना सिर्फ एक दिन का हंगामा नहीं है। इसके पीछे एक लंबा इतिहास है, जो अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान हुए कई टकरावों से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक, स्पीकर विजेंद्र गुप्ता, जो खुद बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता हैं, केजरीवाल के पहले कार्यकाल से ही आम आदमी पार्टी की मुखरता और आक्रामक रणनीति का सामना कर रहे हैं। कई मौकों पर उन्होंने खुद को AAP के विधायकों द्वारा घेर लिए जाने का आरोप लगाया था। आज, स्पीकर की कुर्सी पर बैठकर, गुप्ता ने शायद उन सभी अपमानों का बदला लिया, जो उन्हें सालों तक झेलने पड़े थे।
विधानसभा में जब आतिशी लगातार "भारत माता की जय" और "वंदे मातरम" के नारे लगा रही थीं, तब विजेंद्र गुप्ता ने उन्हें शांत करने की कोशिश की। उन्होंने आतिशी से बार-बार अपनी सीट पर बैठने का आग्रह किया, लेकिन जब आतिशी नहीं मानीं, तो स्पीकर ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा, "मार्शल, आओ और आतिशी को सदन से बाहर निकालो।" यह सुनकर सदन में मौजूद सभी लोग स्तब्ध रह गए।
क्या आतिशी अपनी 'नुक्कड़ सभा' चला रही थीं?
विजेंद्र गुप्ता ने आतिशी के व्यवहार को "नुक्कड़ सभा" जैसा बताया। उनका कहना था कि विधानसभा एक गंभीर चर्चा का मंच है, न कि नारेबाजी और हंगामा करने की जगह। उन्होंने कहा कि आतिशी सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रही थीं और लगातार कार्यवाही में बाधा डाल रही थीं। यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली विधानसभा में इस तरह का माहौल देखने को मिला है। पिछले कुछ सालों में AAP और BJP के बीच सदन के भीतर कई तीखी नोकझोंक हुई हैं।
दिल्ली विधानसभा में 'जैसी करनी, वैसी भरनी' की राजनीति?
जानकार इस घटना को केवल एक विधायक को बाहर निकालने तक सीमित नहीं मानते। उनका कहना है कि यह दिल्ली की राजनीति में बदले की भावना का एक स्पष्ट संकेत है। केजरीवाल सरकार के दौरान बीजेपी के विधायकों को अक्सर सदन में अपनी बात रखने में दिक्कतें आती थीं। अब जब बीजेपी के एक नेता स्पीकर की कुर्सी पर हैं, तो वह 'जैसी करनी, वैसी भरनी' की नीति पर चल रहे हैं।
यह घटना आतिशी और विजेंद्र गुप्ता दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण है। आतिशी के लिए यह उनकी मुखर राजनीति का एक उदाहरण है, जबकि विजेंद्र गुप्ता ने यह साबित कर दिया है कि वह सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस घटना के बाद, दिल्ली की राजनीति में नए सिरे से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
इस घटना के बाद, आम आदमी पार्टी ने स्पीकर के इस फैसले की निंदा की है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है और कहा है कि बीजेपी विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, बीजेपी ने विजेंद्र गुप्ता के फैसले का समर्थन किया है और कहा है कि आतिशी सदन के नियमों का लगातार उल्लंघन कर रही थीं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटना का दिल्ली की राजनीति पर क्या असर पड़ता है। क्या यह AAP को और अधिक आक्रामक बना देगा? या क्या स्पीकर विजेंद्र गुप्ता भविष्य में भी इसी तरह का सख्त रुख अपनाएंगे? एक बात तो तय है कि दिल्ली विधानसभा में आतिशी को बाहर निकालने की यह घटना आने वाले समय में राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी रहेगी।
delhi assembly news | Delhi Assembly Drama | Atishi Vs Speaker | Vijender Gupta Action | AAP Vs BJP Showdown