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कपिल मिश्रा की फाइल खोलते ही जब जज को पकड़ना पड़ा अपना माथा

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने कहा कि मार्च में अदालत ने जांच में कमियों को उजागर किया था और आगे की जांच के लिए कहा था। हालांकि, बार-बार आदेश देने के बावजूद पुलिस इसका पालन करने में विफल रही है।

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Shailendra Gautam
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः दिल्ली की सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा का केस जैसे ही अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने आया उन्होंने अपना माथा पकड़ लिया। दरअसल उनके बार बार कहने के बावजूद दिल्ली पुलिस बीजेपी नेता के खिलाफ न तो कोई दस्तावेजी सबूत अदालत को मुहैया करा रही है और न ही जांच आगे बढ़ाने में दिलचस्पी  ले रही है। आज की सुनवाई के दौरान जज को कहना पड़ गया कि ये चल क्या रहा है। रोचक बात है कि दिल्ली पुलिस के वकील ने अदालत के सामने पेश होने की जहमत तक नहीं उठाई। जज को कहना पड़ा कि ज्वाइंट कमिश्नर खुद इसे देखें।

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अदालत में मौजूद नहीं था दिल्ली पुलिस का वकील

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने कहा कि मार्च में अदालत ने जांच में कमियों को उजागर किया था और आगे की जांच के लिए कहा था। हालांकि, बार-बार आदेश देने के बावजूद पुलिस इसका पालन करने में विफल रही है। अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी की ओर से कोई भी मौजूद नहीं है। जज ने कहा कि पुलिस कम से कम इतने एविडेंस तो जुटा ले जिससे मामला आगे बढ़ सके । उनका कहना था कि साल भर से ज्यादा हो गया ये कहते कहते पर दिल्ली पुलिस उनकी बात सुनने को भी तैयार नहीं है। 

7 जुलाई को होगी सुनवाई, ज्वाइंट कमिश्नर को आदेश जारी

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कपिल मिश्रा के खिलाफ ये मामला 2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान घृणित ट्वीट पोस्ट करने को लेकर दायर किया गया था। अदालत ने कहा कि अगर किसी अन्य मंत्रालय की सहायता की आवश्यकता है तो दिल्ली पुलिस पर्याप्त रूप से सुसज्जित है और इसका सहारा लेने में संकोच नहीं करेगी। अदालत ने अब मामले को 7 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है और संयुक्त आयुक्त, उत्तरी रेंज को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है। : kapil mishra bjp

2020 चुनाव के दौरान कपिल मिश्रा ने किया था ट्वीट

2020 में कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया था कि आप और कांग्रेस शाहीन बाग की तरह मिनी पाकिस्तान बना रहे हैं; 8 फरवरी को हिंदुस्तान खड़ा होगा, जब-जब देशद्रोही भारत में पाकिस्तान खड़ा करेंगे, तब-तब देशभक्तों का हिंदुस्तान खड़ा होगा। उन्होंने मीडिया चैनलों को कुछ बयान भी दिए थे। ट्वीट के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत मामला दर्ज किया गया था। कपिल मिश्रा पर भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और वैमनस्य पैदा करने का आरोप है। उनके खिलाफ 2023 में ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया था।

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