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हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने से यमुना नदी उफनाई, निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा

यमुना नदी मंगलवार शाम तक खतरे के निशान 206 मीटर को पार कर सकती है। जिसको देखते हुए निचले इलाकों में एहतियाती कदम उठाए गए हैं। सामान्य से अधिक बारिश के कारण यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। 

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Mukesh Pandit
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली में सुबह से लगातार बारिश हो रही है।  यमुना नदी पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर 204.87 मीटर तक पहुंच चुकी थी, जो आधिकारिक खतरे के निशान 205.33 मीटर के करीब है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यमुना नदी मंगलवार शाम तक खतरे के निशान 206 मीटर को पार कर सकती है। जिसको देखते हुए निचले इलाकों में एहतियाती कदम उठाए गए हैं। सामान्य से अधिक बारिश के कारण यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। वहीं दिल्ली में पुराने रेलवे पुल को मंगलवार से बंद करने का निर्णय लिया गया है। 
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सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राजधानी में और बारिश की चेतावनी दी है। दिल्ली के अधिकारियों ने यमुना नदी के डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है, क्योंकि यहां नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और मंगलवार शाम तक 206 मीटर के निकासी स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। यह कदम हथिनीकुंड बैराज से 29,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने को देखते हुए उठाया गया है। हालाकि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आश्वासन दिया कि यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के बीच राष्ट्रीय राजधानी खतरे में नहीं है।

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दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान तक पहुंचने की आशंका के बीच पुराने रेलवे पुल (पुराना लोहा पुल) पर मंगलवार शाम से यातायात बंद करने का आदेश दिया है। उधर, सोमवार सुबह हथनी कुंड बैराज से 3,29313 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है, जो मंगलवार को शाम तक दिल्ली पहुंचेगा, जिससे पानी का स्तर खतरे के निशान को पार सकता है। 

तेजी से बढ़ रहा है यमुना का जलस्तर

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण सोमवार शाम पांच बजे पुराने रेलवे पुल पर नदी का जलस्तर 204.94 मीटर तक पहुंच गया। दिल्ली के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है। जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया जाता है। डीडीएमए द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, "यमुना नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ने के कारण संभावित बाढ़ को देखते हुए, आपको दो सितंबर शाम पांच बजे से पुल पर यातायात और सार्वजनिक आवाजाही बंद करने का निर्देश दिया जाता है।" यह आदेश दिल्ली पुलिस और रेलवे अधिकारियों को भेजा गया।

सीएम ने कहा हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा केन्द्रीय जल आयोग के साथ समनन्वय स्थापित किया गया है। इसके अलावा केन्द्रीय फ्लड कंट्रोल रूम द्वारा भी लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उन्होने कहा कि दिल्ली के सभी निवासियों की सुरक्षा हमारी प्रथमिकता है और सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। 

नोएडा गाजियाबाद में जलस्तर बढ़ा

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उधर,  सिंचाई निर्माण खंड, गाजियाबाद के अधिशासी अभियंता ने जानकारी देते हुए बताया कि बैराज से लगभग 3,29,313 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है। अनुमान है कि यह पानी 2 सितंबर की शाम तक दिल्ली, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिले तक पहुंचकर नदी के जलस्तर को सामान्य से कहीं अधिक बढ़ा देगा।

डूब वाले इलाके प्रभावित

इस स्थिति में नदी के डूब क्षेत्र वाले इलाकों के प्रभावित होने की पूरी संभावना है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जो परिवार यमुना किनारे या डूब क्षेत्र में निवास कर रहे हैं, वे तत्काल सतर्क हो जाएं और अपने परिजनों के साथ सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। साथ ही उन्होंने यह भी अपील की है कि लोग अपने पालतू और दुधारू पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं, ताकि बाढ़ की स्थिति में किसी तरह की जनहानि या पशु हानि न हो।

स्थानीय प्रशासन ने भी बाढ़ प्रबंधन की तैयारियां तेज कर दी हैं। जिला प्रशासन की टीमें लगातार डूब क्षेत्र के गांवों का दौरा कर रही हैं और ग्रामीणों को स्थिति से अवगत करा रही हैं। राहत और बचाव दल को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। प्रशासन का कहना है कि अगर जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी होती है तो प्रभावित इलाकों से लोगों का सुरक्षित स्थानों पर तत्काल पुनर्वास कराया जाएगा।

सावधानी बरतने की अपील

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यमुना में हर साल बरसात के मौसम में जलस्तर बढ़ने से दिल्ली और एनसीआर के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। इस बार भी हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा को देखते हुए विशेषज्ञों का अनुमान है कि नदी का बहाव खतरनाक स्तर तक जा सकता है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों से सहयोग और सावधानी बरतने की अपील की है।
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