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उत्तराखंड में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत, CM Pushkar Singh Dham ने की गुनियाल गांव से पहल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के गुनियाल गांव से "विकसित कृषि संकल्प अभियान" की शुरुआत की। यह अभियान 29 मई से 12 जून तक चलेगा, जिसमें राज्य के 11,440 गांवों में वैज्ञानिकों और अधिकारियों की टीमें किसानों से संवाद करेंगी।

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Ranjana Sharma
Aishwarya Rai (18)
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देहरादून,  वाईबीएन डेस्‍क: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को देहरादून के गुनियाल गांव से 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य राज्यभर के किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं और नवाचारों की जानकारी देना है। यह पहल 29 मई से 12 जून तक चलेगी, जिसमें वैज्ञानिक और अधिकारी राज्य के 11440 गांवों, 670 न्याय पंचायतों और 95 विकासखंडों में किसानों से सीधा संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के हर जिले में तीन टीमें गठित की गई हैं, जो प्रतिदिन तीन स्थानों पर 600 से अधिक किसानों के साथ संवाद करेंगी। यह अभियान देशभर के 700 से अधिक जिलों में एक साथ चलाया जा रहा है, जिसमें 2000 से अधिक वैज्ञानिक दल डेढ़ करोड़ किसानों तक पहुंच बनाएंगे।
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भूमि और जलवायु के अनुसार लाभकारी फसलों के चयन में मदद करेगा

सीएम धामी ने कहा कि यह अभियान किसानों को उनकी भूमि और जलवायु के अनुसार लाभकारी फसलों के चयन में मदद करेगा। मृदा परीक्षण, कृषि, पशुपालन, बागवानी योजनाओं के साथ-साथ किसानों के पारंपरिक ज्ञान और सुझावों को भी संकलित किया जाएगा। उन्होंने इसे उत्तराखंड के कृषि क्षेत्र में आधुनिकता और नवाचार लाने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। मुख्यमंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही केंद्र सरकार की किसान-हितैषी योजनाओं की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि, फसल बीमा, किसान मानधन योजना, डिजिटल कृषि मिशन और सिंचाई योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं। राज्य सरकार द्वारा किसानों को तीन लाख रुपये तक ब्याज-मुक्त ऋण, 80% तक कृषि उपकरण पर सब्सिडी, गेहूं पर प्रति क्विंटल 20 रुपये का बोनस और गन्ने के समर्थन मूल्य में 20 रुपये की वृद्धि जैसे कदमों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों के लिए सिंचाई अब पूरी तरह मुफ्त कर दी गई है।

फसलों को लेकर नई नीतियां भी लागू की गई

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मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि राज्य में जैविक खेती और एरोमा वैली परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। धौलादेवी, मुन्स्यारी और बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप में विकसित किया जा रहा है। पॉलीहाउस निर्माण के लिए इस वर्ष 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और वर्षा आधारित खेती के लिए 1000 करोड़ रुपये की परियोजना को स्वीकृति दी गई है। साथ ही सेब, कीवी, मिलेट्स और ड्रैगन फ्रूट जैसी फसलों को लेकर नई नीतियां भी लागू की गई हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुनियाल गांव में सामुदायिक भवन के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की घोषणा की, साथ ही सौंग नदी के जल स्तर को बनाए रखने के लिए दो स्थानों पर चैक डैम व अन्य संरचनाएं बनाने की बात कही।

खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50-60% तक की वृद्धि

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह अभियान पीएम मोदी के 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50-60% तक की वृद्धि को ऐतिहासिक बताया और इसके लिए प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, दायित्वधारी भुवन विक्रम डबराल, कृषि सचिव एस.एन. पाण्डेय, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान, और राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित रहे।
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