गाजियाबाद, वाईबीएन नेटवर्क।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उस वक्त माहौल गरमा गया, जब एक उद्यमी ने खुद को लोहे की जंजीरों में जकड़ लिया और मंच से अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा – "हम उद्यमी आज भी गुलाम हैं, सरकारी नीतियों ने हमें बेड़ियों में जकड़ रखा है!" यह नजारा देख सभी लोग स्तब्ध रह गए, वहीं समाज कल्याण मंत्री एवं गाजियाबाद के प्रभारी मंत्री असीम अरुण भी गंभीर मुद्रा में नजर आए।
मंच पर बेड़ियों में बंधा उद्यमी, सुनाया दर्द
दरअसल, उत्तर प्रदेश उद्यमी विकास संघ द्वारा आयोजित ‘उद्यमी संवाद एवं इकाई भ्रमण’ कार्यक्रम में जिले के कई उद्यमी अपनी समस्याओं को लेकर मंत्री के सामने पहुंचे थे। लेकिन इस दौरान बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी संजीव सचदेव का प्रदर्शन सबसे अलग और प्रभावी रहा। उन्होंने अपने गले में जंजीर डालकर मंच पर खड़े होकर कहा, “हमारे हाथ-पैर खुले जरूर हैं, लेकिन सरकारी नीतियों ने हमें बांध रखा है। हम स्वतंत्र होकर भी फैसले नहीं ले सकते, ना ही काम कर सकते हैं।” उनका यह अनोखा विरोध पूरे कार्यक्रम का केंद्र बन गया और उद्यमियों की समस्याओं पर गंभीर चर्चा शुरू हो गई।
मंत्री के सामने खुलकर बोले उद्यमी
इस संवाद में गाजियाबाद के बड़े प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे, जिनमें पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र, जिलाधिकारी दीपक मीणा, उपायुक्त उद्योग श्रीनाथ पासवान और क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा प्रदीप सत्यार्थी जैसे अधिकारी शामिल रहे। उद्यमियों ने बताया कि किस तरह उन्हें सरकारी विभागों के नियमों और लालफीताशाही से जूझना पड़ता है। वे खुलकर व्यापार नहीं कर सकते, हर छोटे-बड़े फैसले के लिए नियमों की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं।
मंत्री ने दिया समाधान का आश्वासन
मंत्री असीम अरुण ने उद्यमियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और अधिकारियों को तुरंत समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि उनकी शिकायतों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी। मंत्री की पारदर्शिता और त्वरित निर्णय लेने की शैली को देखकर उद्यमियों ने उनकी सराहना की।
कार्यक्रम में कौन-कौन रहा मौजूद
इस संवाद में कई बड़े उद्योगपतियों और उद्यमियों ने भाग लिया, जिनमें सुशील अरोड़ा, संजीव गुप्ता, मंजीत सिंह, मनोज शर्मा, अनिल गुप्ता, सत्यभूषण अग्रवाल, किरण पांचाल, अजीत सिंह नंदा, जे पी कौशिक, मनोज अग्रवाल, सुनील त्यागी, विश्वेंद्र गोयल, नीरज चौधरी, सत्येंद्र गौतम, अनिल तनेजा समेत अन्य प्रमुख उद्यमी उपस्थित रहे।
उद्यमियों के प्रदर्शन से बढ़ा दबाव?
अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार उद्यमियों की इन परेशानियों को दूर करने के लिए क्या कदम उठाती है। क्या प्रशासन और सरकारी विभाग उद्योगों को राहत देने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव करेंगे, या फिर यह प्रदर्शन भी महज चर्चा बनकर रह जाएगा?