चंडीगढ़. वाईबीएन नेटवर्क।
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर महीनों से डटे किसानों को हटाने के लिए पंजाब पुलिस ने बड़ा कदम उठाया। बुधवार देर रात पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर अभियान चलाकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। इस दौरान किसानों द्वारा बनाए गए अस्थायी ढांचों को बुलडोजर से गिरा दिया गया।
हिरासत में लिए गए किसान नेता
पुलिस की इस कार्रवाई से पहले मोहाली में किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए नेताओं में सरवन सिंह पंधेर, जगजीत सिंह डल्लेवाल, अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटरा और मंजीत सिंह राय शामिल हैं। ये सभी किसान नेता एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल से बैठक कर बॉर्डर की ओर लौट रहे थे।
इंटरनेट सेवाएं की गईं बंद
स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए प्रशासन ने बॉर्डर इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम किसी भी अफवाह या गलत सूचना को फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है।
पुलिस ने हटाए किसानों के तंबू
पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बुलडोजर का इस्तेमाल कर किसानों के तंबू हटा दिए। पुलिस उपमहानिरीक्षक (पटियाला रेंज) मनदीप सिंह सिद्धू के नेतृत्व में 3,000 से अधिक जवानों को तैनात किया गया था। पुलिस ने कहा कि गुरुवार सुबह तक बॉर्डर पूरी तरह साफ करा दिया जाएगा।
किसानों की मांग और सरकार की प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई से पहले किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक हुई थी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की मांगों पर चर्चा जारी है और अगली बैठक 4 मई को होगी। सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
राजनीतिक माहौल गरमाया
किसानों पर हुई इस कार्रवाई को लेकर पंजाब में सियासी घमासान तेज हो गया है। विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए पुलिस कार्रवाई की आलोचना की है।
पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई से किसान आंदोलन को झटका लगा है। अब देखना यह होगा कि 4 मई को होने वाली बैठक में किसानों और सरकार के बीच क्या सहमति बनती है।