Advertisment

Mehbooba पर क्‍या बोल गए Farooq Abdullah , आतंक‍ियों के साथ बताया ये कनेक्‍शन

नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती पर आतंकियों से नजदीकी रखने के आरोप लगाए हैं। महबूबा मुफ्ती ने फारूक की टिप्पणी को खतरनाक बताया और कहा कि इससे कश्मीरियों को बदनाम करने वालों को बल मिलेगा।

author-image
Ranjana Sharma
Mehbooba Farooq Abdullah ,
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
श्रीनगर, वाईबीएन नेटवर्क: जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सियासत गरमा गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर जमकर निशाना साधा और अप्रत्यक्ष रूप से उन पर आतंकियों से जुड़ाव का आरोप लगा दिया। फारूक ने कहा क‍ि 34 साल हो गए हैं इस हिंसा को शुरू हुए। इसकी शुरुआत किसने की, ये भी देखना चाहिए। वे कौन थे जो पाकिस्तान गए और फिर यहां लौटे। उन्होंने हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों को जबरन यहां से निकाला। इसका जवाब कौन देगा?

महबूबा पर घर जाकर आतंकियों से मिलने का आरोप

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जिन इलाकों में वे (फारूक) नहीं जा सकते थे। वहां महबूबा मुफ्ती जाती थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि महबूबा आतंकी परिवारों से जाकर मिलती थीं। हालांकि फारूक ने यह भी कहा क‍ि मैं हर बात का जवाब नहीं देना चाहता, लेकिन उन्हें (महबूबा) यह नहीं कहना चाहिए कि हम कभी आतंकवाद के साथ थे। न हम पाकिस्तानी थे न हैं और न ही होंगे। हम भारत का अटूट हिस्सा हैं और हमेशा रहेंगे।

फारूक का पीड़ित परिवारों को संदेश

फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले को लेकर कहा, "हम शहीद हुए पर्यटकों और उनके परिजनों के दुख में पूरी तरह शामिल हैं। उस नई नवेली दुल्हन के दर्द को हम भी समझते हैं, जिसकी शादी कुछ ही दिन पहले हुई थी। जो दरिंदे इस तरह के हमले करते हैं, वे इंसान नहीं हैं। पूरी दुनिया को यह समझना होगा कि आतंकवाद सिर्फ एक देश की नहीं, पूरी मानवता की समस्या है। इस हमले का जवाब जरूर दिया जाएगा।

महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया

महबूबा मुफ्ती ने फारूक अब्दुल्ला की टिप्पणी को भ्रामक और खतरनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि फारूक साहब का यह बयान बेहद खेदजनक है, विशेषकर उस समय जब कश्मीर के छात्र और व्यापारी देशभर में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "एक वरिष्ठ कश्मीरी नेता के तौर पर उनका यह बयान न केवल गलत संदेश देता है, बल्कि इससे कश्मीरियों और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले तत्वों को मौका मिल सकता है।विवाद की शुरुआत फारूक अब्दुल्ला के उस बयान से हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले जैसे हमले स्थानीय समर्थन के बिना नहीं हो सकते। उन्होंने पूछा था कि आतंकी पाकिस्तान से आए तो यहां तक पहुंचे कैसे?
Advertisment
Advertisment