हरियाणा के गुरुग्राम के बसई चौक इलाके में अचानक भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। आग इतनी भयंकर थी कि इसे बुझाने के लिए दमकल विभाग ने विभिन्न स्थानों से कुल 10 दमकल गाड़ियां मौके पर भेजीं। आग ने बसई चौक के पास बनी झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया। जिससे 200 से अधिक झुग्गियां जलकर राख हो गईं। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि दमकलकर्मियों को आग पर काबू पाने में तीन घंटे मशक्त करनी पड़ी।
आग लगने की सूचना और दमकल की तत्परता
दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार उन्हें आग लगने की सूचना शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे मिली थी। सूचना मिलते ही सेक्टर-37 से दमकल की गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। लेकिन जैसे ही फायर ब्रिगेड की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। समझा गया कि आग की लपटें बहुत तेजी से फैल रही हैं। इसके बाद उद्योग विहार, सेक्टर-29 और भीमनगर से भी दमकल की अतिरिक्त गाड़ियां मंगवायी गईं। कुल मिलाकर 10 दमकल गाड़ियां आग बुझाने के लिए मौके पर तैनात की गईं।
आग पर काबू पाने में 3 घंटे का समय लगा
दमकल विभाग के अधिकारी जयनारायण ने बताया कि आग इतनी तेज थी कि उसे बुझाने में समय लग गया। दमकलकर्मियों ने कड़ी मेहनत करते हुए लगभग 3 घंटे बाद आग पर काबू पाया। इस दौरान कई बार उन्हें अन्य गाड़ियों की मदद लेनी पड़ी, क्योंकि आग की लपटें काफी ऊंची उठ रही थीं और आसपास के क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में लेने की कोशिश कर रही थीं।
200 से अधिक झुग्गियों का हुआ नुकसान
आग ने बसई चौक के पास बनी झुग्गियों को अपनी चपेट में लिया। इन झुग्गियों में करीब 200 से अधिक अस्थायी आवास थे। इनमें बड़ी संख्या में लोग रहते थे। इसके अलावा इन झुग्गियों में छोटे-मोटे व्यवसाय, जैसे कि कपड़े की दुकानें भी चल रही थीं। आग ने इन सभी झुग्गियों और सामान को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इस घटना से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है और कई लोग बेघर हो गए हैं। आग पर काबू पाने के बाद पुलिस ने घटनास्थल पर सर्च अभियान शुरू किया। उन्हें आशंका थी कि कहीं आग में कोई व्यक्ति फंसा न हो क्योंकि झुग्गियों का क्षेत्र काफी बड़ा था।
आग के कारण की जांच जारी
फिलहाल आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है। दमकल विभाग और पुलिस की टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं। प्रारंभिक रूप से यह आशंका जताई जा रही है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी हो सकती है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही इसकी पुष्टि की जाएगी। कई स्वयंसेवी संगठनों ने प्रभावित लोगों को खाना, कपड़े और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराया है। स्थानीय प्रशासन ने भी प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय प्रदान किया है।